कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा? रेलवे का ये है प्रारंभिक अनुमान

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अप मेन लाइन में ग्रीन सिग्नल दिया गया था लेकिन ट्रेन उस पटरी पर न जाकर बगल में लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी वाली पटरी पर चढ़ कर टकरा गई।

178

रेलवे ने ओडिशा के बालेश्वर के पास हुई रेल दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी है। दक्षिण पूर्व रेलवे के सुरक्षा आयुक्त की निगरानी में यह जांच हो रही है। प्रारंभिक तौर पर दावा किया जा रहा है कि सिग्नल की समस्या की वजह से यह दुर्घटना हुई है।

सिग्नल में समस्या से हुआ हादसा
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अप मेन लाइन में ग्रीन सिग्नल दिया गया था लेकिन ट्रेन उस पटरी पर न जाकर बगल में लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी वाली पटरी पर चढ़ कर टकरा गई, जिसकी वजह से कोरोमंडल एक्सप्रेस बेपटरी होकर दुर्घटनाग्रस्त हुई। यह भी पता चला है कि डाउन लाइन से सर एम विश्वेश्वरैया हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस बालेश्वर की ओर जा रही थी। उस ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे।

अंतरिम रिपोर्ट का इंतजार
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि मेन लाइन पर ग्रीन सिग्नल होने के बावजूद ट्रेन लूप लाइन पर कैसे गई। दावा किया जा रहा है कि सिग्नल देने में समस्या हुई थी. जिसकी वजह से दुर्घटना हुई है। बहरहाल रेलवे की ओर से भी अंतरिम रिपोर्ट जारी होने का इंतजार किया जा रहा है।

रेल सेवा सामान्य होने को लेकर सवाल
इस बीच शाम 7:00 बजे के करीब दुर्घटना के बाद से ही दक्षिण भारत की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। यहां तक कि दिल्ली, मुंबई और अन्य क्षेत्रों से भी पुरी आने वाली ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। ऐसे में रेल सेवाएं कब तक सामान्य होंगी, इसे लेकर भी लगातार सवाल पूछे जा रहे हैं।

नेपाल के हिंदू-बौद्ध के लिए खतरे की घंटी, प्रचंड संख्या में बढ़ रहे मुस्लिम-ईसाई

6 जून से सेवाएं सामान्य होने का अनुमान
रेलवे के एक अधिकारी ने 4 जून की सुबह बताया कि 6 जून  से पहले ट्रेन सेवाएं सामान्य होने की संभावना नहीं है। दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य कुमार ने बताया कि दुर्घटना के बाद रेल सेवाएं सामान्य करने के लिए एक हजार मजदूरों को मौके पर लगाया गया है। सात पोकलेन मशीनें काम कर रही हैं। दो एआरटी दुर्घटनास्थल पर मौजूद हैं। 1400 टन का रेलवे क्रेन भी लगातार काम कर रहा है। तीन रोड क्रेन काम कर रहे थे और रात को एक और रोड क्रेन को लगाया गया है।

कोशिश युद्ध स्तर पर जारी
पटरी को दोबारा सामान्य कर रेल यातायात सुचारू करने के लिए कोशिशें हो रही हैं लेकिन सबकुछ पहले की होने के बाद भी तकनीकी जांच में वक्त लगेगा। काम ठीक से हुआ है या नहीं, इस पर फिर ट्रेन चलाने से कोई दुर्घटना तो नहीं होगी, इसकी जांच पुख्ता करने के बाद ही सेवाएं सामान्य की जा सकेंगी। इसलिए मंगलवार से पहले इसके सामान्य होने की संभावना नहीं है। तब तक दक्षिण भारत जाने वाली सभी ट्रेनों को रद्द रखना ही पड़ेगा।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.