#Odisha train accident: बिहार लौटे घायलों का उपचार को लेकर छलका दर्द

बिहार सरकार द्वारा नंबर वन अस्पताल का दर्जा प्राप्त बेगूसराय सदर अस्पताल में भर्ती ओडिशा रेल हादसे के घायल यात्री को 12 घंटे में मात्र एक सुई और एक बोतल स्लाइन दिया गया है।

187

ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद पूरा देश सदमे में है। ओडिशा से लेकर पश्चिम बंगाल तक के विभिन्न अस्पतालों में घायल यात्रियों के इलाज के लिए ना सिर्फ सरकारी तंत्र, बल्कि निजी अस्पताल भी सक्रिय है। लेकिन बिहार आए घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है।

बेगूसराय सदर अस्पताल में भर्ती घायल
हालत यह है कि बिहार सरकार द्वारा नंबर वन अस्पताल का दर्जा प्राप्त बेगूसराय सदर अस्पताल में भर्ती घायल यात्री को 12 घंटे में मात्र एक सुई और एक बोतल स्लाइन दिया गया है। हाथ टूटा हुआ है, लेकिन उसका एक्स-रे तक नहीं हुआ है। परिजनों को कहा जा रहा है कि 4 जून को छुट्टी है, इसलिए 5 जून को एक्स-रे होगा।

नहीं मिल रहा है सही उपचार
ट्रेन हादसा के बाद एंबुलेंस से बेगूसराय आकर सदर अस्पताल में भर्ती करा दिया। हैदर ने बताया कि अपने छह साथियों के साथ कोरोमंडल एक्सप्रेस से चेन्नई मजदूरी करने जा रहा था। इसी दौरान हादसे का शिकार होने के बाद निजी एंबुलेंस कर बेगूसराय वापस आ गया, ताकि परिवार के सामने इलाज हो। रात नौ बजे से सदर अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है।

कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा? रेलवे का ये है प्रारंभिक अनुमान

यात्री ने बताया हादसे का आंखों देखा हाल
हैदर के साथ हरदिया निवासी अली एवं चिलमिल निवासी अखलाक भी सदर अस्पताल में ही भर्ती हैं। हैदर ने बताया कि वे लोग बरौनी से गंगासागर एक्सप्रेस पकड़ कर बंडेल गए। वहां से हावड़ा और हावड़ा से शालीमार जाकर दोपहर 3:20 बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस के जनरल बोगी में चेन्नई जाने के लिए सवार हुए थे। खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे, इसी दौरान अचानक जोरदार आवाज के साथ बोगी पलट गई। वे अपने साथी अली, नसरुल्ला और अखलाक एक जगह बैठे हुए थे। चारों किसी तरह से बाहर निकले, पूरा शरीर खून से सना हुआ था। लेकिन साथी बलुआरा निवासी तस्लीम और एक अन्य दूसरे जगह बैठे हुए थे, उनका कुछ पता नहीं चला।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.