JF-17 Thunder पर गुस्साया म्यांमार, पाकिस्तान का चाइना माल निकला भंगार!

पाकिस्तान से मिले लड़ाकू विमान म्यांमार की सैन्य सत्ता के सिरदर्द बन गए हैं। जो उससे न निगले जा रहे हैं और न ही उगले जा रहे हैं।

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पाकिस्तान ने म्यांमार को 11 जेएफ-17 थंडर लड़ाकू विमान दिये थे, जो भंगार निकल गए। इसको लेकर म्यांमार सरकार में गुस्सा है। पाकिस्तान के यह विमान थर्ड जनरेशन के विमान हैं, जो चाइना एयरो टेक्नोलॉजी इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन (सीएटीआईसी) और पाकिस्तान सरकार के संयुक्त उद्यम में निर्मित है।

म्यांमार (Myanmar) सेना को पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से 2019 से 2021 के बीच 11 विमान (Jet’s) दिये गए थे। यह विमान आते ही दिक्कत देने लगे। जिसके बाद पाकिस्तान से म्यांमार ने विरोध व्यक्त किया। पाकिस्तानी तकनीशियनों ने इन विमानों का परीक्षण किया परंतु, पाकिस्तान के चीनी कबाड़ पंख पसारने को तैयार नहीं हैं। इसे देखते हुए म्यांमार सैना ने इन विमानों को उड़ानों के लिए अनुपयोगी ठहरा दिया है।

चीनी प्राइड, म्यांमार सरप्राइज
म्यांमार, पाकिस्तान के चीनी प्राइड (China’s Pride) से सरप्राइज है, क्योंकि वहां की सत्ता ने स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि, उसके साथ ऐसा धोखा हो सकता है। पाकिस्तान ने चीन के साथ सामूहिक रूप से जेएफ-17 थंडर (JF-17 Thunder) निर्माण करने का दावा किया था। जिसका मेन्टेनेन्स खर्च बहुत ही अधिक है और लाइन रिप्लेसमेन्ट यूनिट्स (LRU) के अंतर्गत कलपुर्जों की समस्याएं हैं। पाकिस्तान जिसे चीन के साथ संयुक्त उद्यम बताता है, वास्तव में उसके कुछ ही कलपुर्जे पाकिस्तान के कामरा में असेम्बल किये जाते हैं। पाकिस्तान एलआरयू यूनिट्स के कलपुर्जों का निर्माण भी नहीं करता है। जिसका शिकार म्यांमार हो गया है।

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चीन पाकिस्तान के प्राइड में क्या हैं समस्याएं?

  1. एवियॉनिक्स में समस्या
  2. केएलजे-7 एआई राडार में समस्या
  3. धोखादायक वेपन मिशन मैनेजमेंट कंप्यूटर
  4. युद्ध की स्थिति में मिसाइल प्रक्षेपण में समस्या
  5. सीमित हथियार ढोने की क्षमता
  6. रूसी आरडी-93 इंजनों पर निर्भरता
  7. लैंडिंग गेयर में समस्या
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