हिंदूफोबिया: भगवद गीता पार्क पर हमला, क्या खालिस्तानियों की है करतूत?

कनाडा में हिंदूफोबिया से प्रवृत्त लोगों द्वारा हिदुओं पर हमले बढ़े हैं। इसको लेकर भारत ने विरोध भी व्यक्त किया है।

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श्री भगवद गीता पार्क

हिंदूफोबिया का एक नया घटनाक्रम कनाडा में सामने आया है। जहां ग्रेटर टोरंटो के ब्रैम्पटन में स्थित भगवद गीता पार्क पर हमला किया गया है। इसको लेकर खालिस्तानी आतंकियों पर शंका है। हमला करनेवालों ने पार्क में लगे प्रतीकों की तोड़फोड़ करके उस पर भारत विरोधी नारे लिखे हैं।

हिंदूफोबिया के अतंर्गत कनाडा में लंबे काल से हिंदुओं के विरुद्ध षड्यंत्र होते रहे हैं। परंतु, वर्तमान के कुछ महीनों में हिंदू मंदिरों और उत्सवों में हमले बढ़े हैं। खालिस्तानियों ने कनाडा के भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों के विरुद्ध भी हमले करने का बैनर पोस्टर लगाया था। अब ब्रैम्पटन शहर के श्री भगवद गीता पार्क पर रात में हमला किया गया है। इसके पहले भी खालिस्तानियों ने हिंदूफोबिया से प्रवृत्त होकर हमले किये थे।

क्या है श्री भगवद गीता पार्क?
ब्रैम्पटन शहर में 3.7 एकड़ में फैले ट्रॉयर्स पार्क को पिछले साल सितंबर में श्री भगवद गीता पार्क के रूप में परिवर्तित किया गया था। इस पार्क को गीता के संदेशों से जोड़कर संवारने की तैयारी हो रही है। इसके तहत पार्क में मूर्तियां बनाने की योजना है, जिसमें रथ पर भगवान कृष्ण और अर्जुन की मूर्ति भी शामिल है।

रात में तोड़फोड़
श्री भगवद गीता पार्क पर हमला कर पार्क के संकेत चिह्न को तोड़ दिया गया। हमलावरों ने भारत के प्रधानमंत्री के विरुद्ध नारे लिख दिए थे। सुबह सफाई कर्मियों ने इसे देखा तो नारे हटाकर संकेत चिह्न को मूल स्थिति में लगा दिया। इसे लेकर ब्रैम्पटन के भारतवंशियों में आक्रोश देखा गया है। भारतीय-कनाडाई लोगों ने इस बर्बरता पर अपना गुस्सा जाहिर किया। ब्रैम्पटन निवासी विजय जैन ने इसे पूरी तरह से हिंदूफोबिया से ग्रस्त मामला बताया। हिरेन पटेल ने कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की मांग की।

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मेयर ने की भर्त्सना
ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने कहा कि वह इस बर्बरता से नाराज हैं और शहर में किसी भी धार्मिक समुदाय को डराने-धमकाने के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति लागू है। ब्रैम्पटन शहर के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट किया गया कि पार्क साइन को निशाना बनाकर की गई बर्बरता की हालिया कार्रवाई के बारे में जानकर बहुत निराशा हुई, यह एक धार्मिक समुदाय पर हमला है। ट्वीट में कहा गया कि मामला पील क्षेत्रीय पुलिस को भेजा गया है। दुर्भाग्य से इस क्षेत्र में बर्बरता की ऐसी कई घटनाएं अभी भी अनसुलझी हैं और किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। ट्वीट में कहा गया है कि ब्रैम्पटन शहर में हम असहिष्णुता और भेदभाव के ऐसे कृत्यों के खिलाफ एकजुट हैं। हम विविधता, समावेशिता और सभी के प्रति सम्मान के अपने मूल्यों को गर्व से कायम रखते हैं और नफरत के इन कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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