दुश्मनों की उड़ी नींद! भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल ‘नेवी राफेल’, फ्रांस से डील को मिली मंजूरी

भारतीय नौसेना के लिए राफेल एक बड़ा वरदान साबित हो सकता है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की दो दिवसीय फ्रांस यात्रा (France Visit) के दौरान भारत (India) और फ्रांस (France) के बीच एक बड़ी रक्षा डील (Defense Deals) पर मुहर लगी। भारत सरकार (Government of India) ने शनिवार (15 जुलाई) को इसकी घोषणा की। इसके तहत भारतीय नौसेना (Indian Navy) को फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) से 26 नए उन्नत राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jet) मिलेंगे, जिन्हें विशेष रूप से नौसेना (Navy) की जरूरतों के अनुसार डिजाइन किया जाएगा। पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (President Emmanuel Macron) के साथ बैठक के दौरान इस डील पर फैसला हुआ। राफेल की निर्माता कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने इसकी जानकारी दी है।

डसॉल्ट एविएशन ने बताया, “भारत सरकार ने भारतीय नौसेना को नवीनतम पीढ़ी के लड़ाकू विमानों से लैस करने के लिए नेवी राफेल के चयन की घोषणा की। भारतीय नौसेना के 26 राफेल पहले से ही सेवा में मौजूद 36 राफेल में शामिल हो जाएंगे।” रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार (13 जुलाई) को फ्रांस से राफेल जेट के 26 नौसैनिक संस्करण और तीन फ्रांसीसी-डिजाइन वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों को खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।

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ट्रायल में राफेल ने दिखाया दम
डसॉल्ट एविएशन ने आगे कहा, यह निर्णय भारत में किए गए एक सफल परीक्षण अभियान के बाद आया है, जिसमें नौसेना राफेल ने साबित कर दिया है कि यह भारतीय नौसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरी तरह से पूरा करता है और इसके लिए पूरी तरह से उपयुक्त है।

इस रक्षा सौदे में भारत को 22 सिंगल सीटर राफेल-एम मरीन लड़ाकू विमान मिलेंगे। इन लड़ाकू विमानों को स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। वहीं, 4 ट्रेनर राफेल मरीन विमान उपलब्ध होंगे। राफेल-एम फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों का नौसैनिक संस्करण है। रक्षा सौदे के बाद समुद्र में भारतीय नौसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा।

इंडो-पैसिफिक में भारत मजबूत होगा
भारतीय नौसेना को लंबे समय से आधुनिक पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की जरूरत महसूस हो रही थी। इंडो-पैसिफिक में चीन की गतिविधियों को देखते हुए नौसेना इस खरीद प्रस्ताव के जल्द से जल्द पूरा होने की उम्मीद कर रही थी। चीन हिंद महासागर में अपना प्रभुत्व जमाने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में भारतीय नौसेना को समुद्र में मजबूत रहने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए इन लड़ाकू विमानों का महत्व बढ़ जाता है।

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