Delhi riots: पुलिस को ‘इस’ तिथि तक जांच स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश

स्पेशल सेल ने 24 फरवरी, 2021 को तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। फोरेंसिक साक्ष्यों और दूसरे तकनीकी परीक्षणों को आधार बनाकर चार्जशीट में बताया गया है कि दंगों के लिए कैसे साजिश रची गई।

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दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़ी बड़ी साजिश के मामले में 18 सितंबर को उमर खालिद समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो इस मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट 19 सितंबर तक दाखिल करे। मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।

18 सितंबर को मीरान हैदर की ओर से पेश वकील ने मामले की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच साढ़े तीन साल से कर रही है। ये जांच पूरी हुई कि नहीं और अगर पूरी नहीं हुई तो कब तक पूरी होगी। आरोपित आज के दिन में विचाराधीन आरोपित न होकर जांच के अधीन हैं। पहले से जो तथ्य हैं, उसी के आधार पर पूरक चार्जशीट दाखिल की जा रही है। ऐसे में पुलिस बताए कि जांच का स्टेटस क्या है।

जांट के स्टेट्स पर सवाल
इसके पहले 14 अगस्त को आरोपित मीरान हैदर और सफूरा जरगर की तरफ से कहा गया था कि वो जानना चाहते हैं कि क्या मामले में उनके खिलाफ पुलिस जांच पूरी हो चुकी है या नहीं। पुलिस को यह बताना चाहिए कि जांच पूरी हुई या नहीें और जांच पूरी नहीं हुई है, तो कब तक पूरी हो जाएगी, साथ ही जांच अभी किस स्टेज में है। इसके अलावा पुलिस यह बताए कि उनके खिलाफ क्या-क्या आरोप लगाए गए हैं। आरोपितों की ओर से कहा गया कि मामले में आरोप तय किया जाना है, लेकिन अभी तक यह जानकारी नहीं है कि जांच का स्टेटस क्या है। अगर आगे चलकर जांच एजेंसी मामले में कोई सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करती है, तो उसका असर केस और दलील पर भी पड़ेगा।

इस तरह चली अब तक की सुनवाई
-सुनवाई के दौरान 11 सितंबर को आरोपितों की ओर से पेश वकील ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ये बताए कि जांच पूरी हुई है या नहीं। तब दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मामले के आरोपित देवांगन कलीता और आसिफ इकबाल तान्हा जमानत पर हैं, इसलिए जानबूझ कर मामले में देरी कर रहे हैं। इस मामले में चार आरोपितों को जमानत मिल चुकी है। 2 मार्च, 2021 को कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ दायर तीसरी पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि संज्ञान लेने के पहले ही चार्जशीट लीक हो जा रही है। कोर्ट ने कहा था कि संज्ञान लेने के पहले चार्जशीट लीक होने का ट्रेंड परेशान करने वाला है। मीडिया की रिपोर्टिंग खासकर सोशल मीडिया पर हमेशा इसकी चर्चा होती रहती है। कोर्ट ने कहा था कि मीडिया खबरों को कवर करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन उन्हें अपने रुख को लेकर सावधान रहना चाहिए।

-स्पेशल सेल ने 24 फरवरी, 2021 को तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। फोरेंसिक साक्ष्यों और दूसरे तकनीकी परीक्षणों को आधार बनाकर चार्जशीट में बताया गया है कि दंगों के लिए कैसे साजिश रची गई। दंगों की साजिश रचने वालों ने एक साजिश तहत दंगों के दौरान कई इलाकों के सीसीटीवी कैमरे तोड़े थे। सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान की गई है।

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-कोर्ट ने 22 नवंबर, 2020 को उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर, 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147,148,149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395,419,420,427,435,436,452,454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

इन्हें मिल चुकी है जमानत
इस मामले में सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता को आरोपित बनाया गया है। इनमें सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है।

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