Libya: बाढ़ से हुई दो हजार से अधिक लोगों की मौत !

प्रधानमंत्री ने 10 सितंबर को तीन दिन के शोक की घोषणा (Declaration of three days mourning) करते हुए देशभर में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाने का आदेश दिया। उन्होंने बताया कि विनाशकारी तूफान डेनियल के बाद आई बाढ़ ने डर्ना में भारी तबाही मचाई है।

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 लीबिया (Libya) की प्रतिद्वंद्वी सरकारों में से एक के प्रमुख ने कहा है कि उत्तरी अफ्रीकी देश (North African country) के पूर्वी हिस्सों में आई बाढ़ (flood) के कारण दो हजार लोगों की मौत (Death) की आशंका है। ‘अल-मसर’ टेलीविजन स्टेशन को फोन पर दिये साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ओसामा हमाद (Osama Hamad) ने कहा कि पूर्वी शहर डर्ना (Darna) में दो हजार लोगों के मरने की आशंका है और हजारों अन्य लापता बताए जा रहे हैं।

तीन दिन के शोक की घोषणा
प्रधानमंत्री ने 10 सितंबर को तीन दिन के शोक की घोषणा (Declaration of three days mourning) करते हुए देशभर में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाने का आदेश दिया। उन्होंने बताया कि विनाशकारी तूफान डेनियल के बाद आई बाढ़ ने डर्ना में भारी तबाही मचाई है। इसके बाद इस शहर को आपदा क्षेत्र घोषित किया गया है।

आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित
अब्दुल जलील ने ‘अल-अरबिया’ को दिये साक्षात्कार में मरने वालों की संख्या की जानकारी देते हुए कहा कि कम से कम 50 लोग लापता हैं। अब्दुल जलील ने बताया कि मृतकों की इस संख्या में आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किये गए डर्ना शहर की संख्या शामिल नहीं है। यहां 10 सितंबर दोपहर तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई थी। शहर के मुख्य चिकित्सा केंद्र ने कहा कि मृतकों में पूर्वी शहर बायदा के 12 लोग शामिल हैं।  एम्बुलेंस और आपातकालीन प्राधिकरण के अनुसार, पूर्वोत्तर लीबिया के तटीय शहर सुसा में सात अन्य लोगों की मौत होने की सूचना है। मंत्री ने कहा कि शाहट्ट और उमर अल-मुख्तार कस्बों में सात अन्य लोगों के मारे जाने की खबर है। पूर्वी लीबिया में सरकार द्वारा संचालित आपातकालीन प्रतिक्रिया एजेंसी के प्रवक्ता वालिद अल-अरफी के मुताबिक, एक  व्यक्ति अपनी कार में था और पूर्वी शहर मार्ज में बाढ़ में फंसने से उसकी मौत हो गई थी।

बाढ़ में दर्जनों लापता
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, बाढ़ में दर्जनों अन्य लोगों के लापता होने की सूचना है तथा अधिकारियों को बाढ़ में उनके मारे जाने की आशंका है। बाढ़ की वजह से पूर्वी लीबिया के कई शहरों में घर और अन्य संपत्तियां नष्ट हो गयी हैं। सरकार ने आपात स्थिति की घोषणा की थी और रात में आए तूफान से पहले एहतियातन शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया था।

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