ISRO चंद्रयान-3 की उलटी गिनती हो गई जीवन की अंतिम, इसरो की ‘वह’ आवाज हुई विलुप्त

23 अगस्त को इसरो ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा के लिए प्रक्षेपित किया था। विश्व का यह पहला चंद्र मिशन था, जिसनें चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर लैंडिंग की।

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रॉकेट प्रक्षेपण (Rocket Launch) के अंतिम चरणों में काउंट डाउन (Count Down) की आवाज नित्य सुनाई पड़ती है, इसरो के श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र (Shrihari Kota Rocket Launch Center) में भी ऐसी ही एक आवाज थी। चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayan-3)में इसी आवाज को लेगों ने सुना था। चंद्रयान-3 के काउंट डाउन को अपनी आवाज देकर रवाना करनेवाली वैज्ञानिक इसके लांच के लगभग डेढ़ सप्ताह के बाद शांत हो गई है। चंद्रयान-3 की सफलता से मिली वैश्विक ख्याति और आदित्य एल1 मिशन से मिली उपलब्धि के बीच इस समाचार से इसरो में दु:ख है।

चंद्रमा पर पंद्रह दिनों के लिए रात हो गई है, इस काल में वहां सूर्य की किरणें नहीं होंगी। जिसके कारण प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) और उसके पे लोड्स को सुरक्षित करते हुए स्लीप मोड में डाल दिया गया है। यह सब शुक्रवार से रविवार के मध्य किया जा रहा था। चंद्रयान-3 परियोजना से जुड़े इसरो के वैज्ञानिक इस कार्य में लगे हुए थे, इसी बीच रविवार को एक बड़ी दु:खद सूचना मिली। जो वैज्ञानिक वलारमथी (Valarmathi) के निधन की थी। जब चंद्रयान-3 स्लीप मोड में डाल दिया गया था तो उसी काल में वलारमथी ने भी इस जग को बिना काउंट डाउन के अलविदा कह दिया।

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नहीं होगी वह आवाज
वलारमथी इसरों में वैज्ञानिक के पद कार्यरत् थीं और रॉकेट प्रक्षेपण के समय वे काउंट डाउन की घोषणा करती थीं। चंद्रयान-3 प्रक्षेपण के काउंट डाउन में अंतिम बार उनकी आवाज को सुना गया था। रविवार को वलारमथी का हृदय गति रुक जाने से (cardiac Arrest) निधन हो गया। उनके निधन की सूचना से इसरो में दु:ख है।

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