Maharashtra:” जिन्हें हिन्दी नहीं आती और जो मातृभाषा नहीं बोलते उन्हें शर्म आनी चाहिए”- विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोले गवर्नर

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि अध्ययन-अध्यापन का कार्य मातृ भाषा में व्यवस्था करना सभी शैक्षणिक संस्थानों का मूल कर्तव्य है। हमें इस बात को समझना होगा और उसके अनुसार कार्य योजना तैयार करनी पड़ेगी।

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Maharashtra: एच एस एन सी विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में राज्यपाल बैस ने कहा कि आम तौर पर देखा जाता है कि जिन लोगों को अंग्रेजी नहीं आती वे शर्मिंदगी महसूस करते हैं, लेकिन मैं कहता हूं कि उन लोगों को शर्म आनी चाहिए, जिन्हें हिंदी नहीं आती। उन्हें भी शर्म आनी चाहिए, जो अपनी मातृभाषा बोलने में हिचकिचाते हैं। आज विश्व के सभी विकसित देश अपनी मातृभाषा में व्यवहार करते हैं। वहीं हमारे लोग अपनी मातृभाषा बोलने में हीनता महसूस करते हैं। हमें इस सोच को बदलना होगा।

राज्यपाल ने कहा कि अध्ययन-अध्यापन का कार्य मातृ भाषा में इसकी व्यवस्था करना सभी शैक्षणिक संस्थानों का मूल कर्तव्य है। हमें इस बात को समझना होगा और उसके अनुसार कार्य योजना तैयार करनी पड़ेगी।

विश्वविद्यालय का भविष्य उज्ज्वल
अपने उद्बोधन में राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि मैंने पद संभालते ही प्रदेश के सभी कुलपतियों के साथ हुई बैठक में यह निर्देश दिया कि वे इंजीनियरिंग और मेडिकल की पुस्तकों को मराठी में उपलब्ध कराने को तत्काल व्यवस्था करें। एच एस एन सी विश्वविद्यालय की जिक्र करते हुए बैस ने कहा कि भले ही यह कहा जा रहा है कि यह विश्वविद्यालय 4 साल पुराना है लेकिन इससे संबंद्ध कॉलेजों को देखें तो यह कहना ज्यादा उचित है कि इसका इतिहास 70-75 साल का है। हमारी श्रद्धा है, उन महान शिक्षाविदों के प्रति जो ख़ुद तो सिंध प्रांत से खाली हाथ आये लेकिन इस मायानगरी को शिक्षा रूपी अक्षय धन से समृद्ध करने का पुनीत कार्य किया। यदि हम इस विश्वविद्यालय की बात करें और इसकी उपलब्धियों को देखें तो हम कह सकते हैं कि इसका भविष्य बड़ा ही उज्ज्वल और समृद्ध है। अल्प समय में ही इस विश्वविद्यालय ने अपनी जो जगह बनाई है वह सराहनीय है।

प्रोवोस्ट डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने विश्वविद्यालय की वर्तमान उल्लेखनीय एवं भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला
विश्वविद्यालय के प्रोवोस्ट डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने विश्वविद्यालय की वर्तमान उल्लेखनीय एवं भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) हेमलता बागला ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों, उपलब्धियों, परीक्षा परिणाम, शोध कार्य एवं प्रोत्साहन योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण संरक्षण, समाजहित एवं जनहित में किये जा रहे प्रयासों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। इस अवसर पर कुलाधिपति रमेश बैस ने शीर्ष स्थान प्राप्त करने सभी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक एवं उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया।

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इस दौरान 3607 विद्यार्थियों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान की गई। द्वितीय दीक्षांत समारोह में एच एस एन सी बोर्ड के अध्यक्ष अनिल हरीश, निवर्तमान अध्यक्ष किशु मनसुखानी, ट्रस्टी माया साहनी, आमंत्रित कुलपति गण एवं उच्चाधिकारी, सभी संकायों के अधिष्ठाता, संबंद्ध कॉलेजों के प्राचार्य, उपप्राचार्य, बीओएस अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे।

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