सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को मणिपुर की पीड़िताओं के बयान दर्ज करने से रोका, ये है कारण

1 अगस्त को वकील निजाम पाशा ने कोर्ट को बताया था कि सीबीआई दोपहर पीड़ितों के बयान दर्ज करने आ रही है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि सीबीआई दो बजे की सुनवाई का इंतजार करे।

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मणिपुर वायरल वीडियो मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने पीड़ित महिलाओं को बयान दर्ज करने जा रही सीबीआई को फिलहाल बयान दर्ज करने से रोक दिया है। न्यायालय ने सीबीआई को 1 अगस्त को दोपहर 2 बजे होने जा रही सुनवाई का इंतजार करने को कहा है।

1 अगस्त को वकील निजाम पाशा ने कोर्ट को बताया था कि सीबीआई दोपहर पीड़ितों के बयान दर्ज करने आ रही है। पाशा ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी कोर्ट में मौजूद हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि सीबीआई दो बजे की सुनवाई का इंतजार करे।

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सर्वोच्च न्यायालय ने मांगा था मामले का पूरा विवरण
31 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय ने संकेत दिया था कि वो मणिपुर में महिलाओं के साथ यौन हिंसा की जांच के लिए पूर्व महिला जजों की एक कमेटी बनाएगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार से एफआईआर, जांच के लिए उठाए गए कदम, पुनर्वास के लिए उठाए गए कदम आदि का विवरण देने को कहा था।

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