पश्चिम बंगाल : मुख्य सचिव पर कार्रवाई करने शुभेंदु अधिकारी ने लिखा केंद्र को पत्र

शुभेंदु ने कहा कि मुख्य सचिव ने राज्य के वित्तीय कर्ज की तुलना करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ टिप्पणी की। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्रीय कैडर के अधिकारी होने के बावजूद उन्होंने केंद्र सरकार के वित्तीय मामलों की आलोचना की जो केंद्र सरकार के अधिकारी के लिए अवांछनीय है।

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पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पत्र लिखकर केंद्र सरकार से राज्य के मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस भेजे जाने और उनके सभी सेवानिवृत्ति लाभों में कटौती किए जाने की मांग की है। शुभेंदु ने गुरुवार को विधानसभा परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी के खिलाफ कैबिनेट सचिव, डीओपीडी सचिव और वित्त सचिव को पत्र भेजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव मौजूद थे। वहां उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ टिप्पणी की।

शुभेंदु ने कहा कि मुख्य सचिव ने राज्य के वित्तीय कर्ज की तुलना करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ टिप्पणी की। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्रीय कैडर के अधिकारी होने के बावजूद उन्होंने केंद्र सरकार के वित्तीय मामलों की आलोचना की जो केंद्र सरकार के अधिकारी के लिए अवांछनीय है। शुभेंदु ने मुख्यमंत्री बनर्जी के प्रेस कॉन्फ्रेंस की एक क्लिप दिखाई जहां मुख्य सचिव टिप्पणी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहां वह राज्य सरकार के कर्ज की रकम और केंद्र सरकार के कर्ज की रकम का जिक्र कर रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय ने वीडियो क्लिप का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया है। उनके द्वारा भेजे गए पत्र के साथ वीडियो क्लिप और उसका अंग्रेजी अनुवाद भी भेजा जा रहा है। शुभेंदु ने कहा, ”एक अधिकारी जो केंद्र सरकार द्वारा दिए गए एक्सटेंशन के साथ काम कर रहा है, वह केंद्र सरकार के अधीन है। उन्होंने अपने करियर की सभी शर्तों का उल्लंघन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ टिप्पणियां कीं। मैंने तीनों मंत्रालयों को पत्र भेजा है और मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस भेजे जाने के साथ ही सेवानिवृत्ति के बाद उनके सभी लाभों में कटौती की मांग की है।”

संयोग से राज्य के मुख्य सचिव का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो गया, लेकिन मुख्यमंत्री ने सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनका कार्यकाल बढ़ाने का अनुरोध किया और केंद्र इस पर सहमत हो गया। वह 31 दिसंबर तक राज्य के मुख्य सचिव बने रहेंगे। इसके पहले, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बनर्जी का भी केंद्र से टकराव हुआ था।

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