महाराष्ट्र: आ गई मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख, मंत्रालय से राज्यपाल को फोन

महाराष्ट्र सरकार का कार्यकाल खत्म होने में सिर्फ एक साल बचा है। अब एक और कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है, संभावना है कि कैबिनेट विस्तार होने पर कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है।

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महाराष्ट्र (Maharashtra) में सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Deputy CM Devendra Fadnavis) की सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) की तारीख आखिरकार तय हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय (Ministry) की ओर से ‘राजभवन’ (Raj Bhavan) को फोन किया गया है और 18 या 19 जून की तारीख विस्तार के लिए रखी गई है।

ऐसी संभावना है कि मंत्रिमंडल विस्तार होने पर कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है। हालांकि, एकनाथ शिंदे ने अपने गुट के मंत्रियों को साइड करने से साफ इनकार कर दिया है। 12 जून को उन्होंने दिल्ली में वरिष्ठों से मुलाकात की और अपने निर्णय से अवगत कराया।

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21 मंत्री लेंगे शपथ
सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में अब सिर्फ एक साल बचा है और कैबिनेट का विस्तार पूरी क्षमता के साथ किया जाएगा। इसमें कुल 21 मंत्री शपथ लेंगे। इनमें 14 कैबिनेट और 7 राज्य मंत्री होंगे। भाजपा को 10 कैबिनेट मंत्री मिलेंगे जबकि शिवसेना को कैबिनेट में 4 मंत्री मिलेंगे। मुख्यमंत्री शिंदे दो पद निर्दलीय विधायकों के लिए छोड़ेंगे।

इन विधायकों के नाम मंत्री बनने के लिए सामने
राज्य के मंत्रियों की स्थिति को देखते हुए पता चलता है कि भाजपा के 4 विधायक और शिवसेना के 3 विधायक शपथ लेंगे। भाजपा से पूर्व मंत्री संजय कुटे, जयकुमार रावल, नितेश राणे, प्रशांत ठाकुर, योगेश सागर, माधुरी मिसाल, किसन कधोरे, जगजीतसिंह पाटिल, रणधीर सावरकर। जबकि शिवसेना कैबिनेट विस्तार से संजय शिरसाट, भरत गोगावले, यामिनी जाधव, प्रकाश अबितकर, बालाजी किन्निकर, बच्चू कडू, राजेंद्र पाटिल-याद्रवकर के नाम सामने आ रहे हैं।

जिम्मेदारियों का पुनर्वितरण होगा?
1 : वर्तमान में राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री सहित 20 मंत्री हैं। उसमें भी कुछ मंत्रियों को ही कई विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। सहायता के लिए कोई राज्य मंत्री नहीं होने के कारण, सत्र के दौरान उन पर काम का बहुत दबाव होता है।

2 : एक मंत्री दो या अधिक जिलों को संरक्षक मंत्री के रूप में भी रखता है। इसका जोर जिले के विकास से जुड़ी निर्णय लेने की प्रक्रिया पर आ रहा है।

3 : इसके अलावा मंत्रिमंडल विस्तार से आकांक्षी विधायकों में निराशा बढ़ती जा रही है। अब यदि जून महीने में विस्तार होता है तो इन सभी समस्याओं का समाधान होगा।

4 : यदि मौजूदा मंत्रिमंडल में 20 और मंत्री शामिल किए जाते हैं, तो जिम्मेदारियों के पुनर्वितरण की संभावना है।

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