राजस्थान: कांग्रेस में जारी रहेगी कलह, पायलट के इस बात से मिले संकेत

सचिन पायलट ने अपने नए प्लान पर काम शुरू कर दिया है। पायलट अब अपनी सबसे बड़ी कमजोरी को अपनी ताकत बनाएंगे।

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राजस्थान (Rajasthan) में चुनावी बिगुल बजने में कुछ ही महीने बचे हैं, ऐसे में भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) समेत तमाम पार्टियों में चुनावी तैयारियां (Election Preparations) जोरों पर हैं। वहीं, राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) बनाम सचिन पायलट (Sachin Pilot) का विवाद अभी भी पूरी तरह से सुलझ नहीं पाया है। अभी कांग्रेस के सामने एक बड़ी चुनौती यह है कि विधानसभा चुनाव में गहलोत और पायलट के बीच किसका नाम आगे करके चुनाव में उतारा जाएगा। वहीं चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत की नाव पर चढ़ने को तैयार है, ऐसे में राजनीतिक गलियारों में पूछा जा रहा है कि सचिन पायलट क्या करेंगे।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सचिन पायलट ने अपने नए प्लान पर काम शुरू कर दिया है। पायलट अब अपनी सबसे बड़ी कमजोरी को अपनी ताकत बनाएंगे।

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कमजोरी को ताकत बनायेंगे पायलट
दरअसल, 2020 की बगावत और उसके बाद जब भी शक्ति परीक्षण का मौका आया, सचिन पायलट पिछड़ गए। उनके साथ 15 से 20 विधायक ही खड़े नजर आए, ऐसे में अब सचिन पायलट की योजना अपना प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने की है। माना जा रहा है कि सचिन पायलट का राजस्थान की 40 सीटों पर प्रभाव है, जिनमें से कई निर्वाचित विधायक भी उनके कट्टर समर्थक माने जाते हैं, इसलिए अब सचिन पायलट पूर्वी राजस्थान के अलावा राज्य के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी अपना प्रभाव बढ़ाएंगे।

गहलोत के बयान पर पायलट ने किया पलटवार
अशोक गहलोत ने एक बैठक में कहा था कि पेपर लीक की वजह से दुनिया के किसी भी देश में बेरोजगारों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. ऐसी मांग उठाना मानसिक दिवालियापन है। इसका जवाब देते हुए सचिन पायलट ने कहा कि जब वह युवाओं के हितों की बात करते हैं। जब वे विश्वासघात और विश्वासघात के मामले में मदद की बात करते हैं, तो उन्हें मानसिक रूप से दिवालिया कहा जाता है।

नहीं चूक रहे एक-दूसरे को ताना मारने में
कांग्रेस आलाकमान ने दावा किया है कि गहलोत और पायलट के बीच अब कोई विवाद नहीं है लेकिन ये दोनों नेता लगातार एक-दूसरे पर तंज कस रहे हैं। पिछले तीन साल में कई बार सुलह के दावे किए गए, लेकिन दर्जनों बार गहलोत और पायलट ने एक-दूसरे पर तंज कसा है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान द्वारा किए जा रहे दावों पर लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है। यह चुनावी साल है, संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस में एक और बड़ा तूफान आ सकता है।

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