Fire: उत्तराखंड में धधक रहे जंगल, जानिये 2023- 2024 के बीच अब तक घटी कितनी घटनाएं

उत्तराखंड में जनपद स्तर पर खेतों में अवशेष आदि जलाने तथा शहरी क्षेत्रों पर ठोस कचरे जलाने पर प्रतिबंध का आदेश पारित कर दिया गया है।

99

Fire: वनाग्नि को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक्शन प्लान बनाया है। इसके तहत सब एक साथ मिलकर काम करेंगे। उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग पर काबू पाने के लिए पुलिस-प्रशासन व विभागीय टीम के साथ युवक मंगल दल, महिला मंगल दल, स्वयं सहायता समूह, पीएसी जवान, होमगार्ड्स, पीआरडी समेत सभी मानव संसाधन वनाग्नि को रोकने का काम करेगा। एनडीआरएफ और वायु सेना भी वनाग्नि पर काबू पाने में जुटी है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो राज्य में कुल 20 वनाग्नि की घटनाएं हुई हैं। इसमें 52.07 हेक्टेयर वन जलकर नष्ट हो गए। जबकि एक युवक की मौत हो गई है।

वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन उत्तराखंड के अपर मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार एक नंबर 2023 से छह मई 2024 तक कुल 930 आग की घटनाएं हुई हैं। आगजनी में 1196.418 हेक्टेयर वन प्रभावित हुए हैं। अब तक कुल चार लोग आग से झुलसकर घायल हो चुके हैं और अब तक पांच लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

 लापरवाही पर रेंज अधिकारी जोरासी प्रभागीय कार्यालय स्तर पर संबद्ध
उत्तराखंड शासन की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वनाग्नि नियंत्रण में लापरवाही बरतने पर रेंज अधिकारी जोरासी (अल्मोड़ा वन प्रभाग, अल्मोड़ा) को प्रभागीय कार्यालय स्तर पर संबद्ध कर दिया है। वे सोमवार को सचिवालय में वनाग्नि नियंत्रण को लेकर बैठक कर रही थीं। मुख्य सचिव ने जोनल अधिकारी मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं, गढ़वाल तथा वन्यजीव परिरक्षण क्षेत्र को निर्देश दिए हैं कि वनाग्नि नियंत्रण कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।

चारधाम रूट पर मोबाइल क्रू-टीम तैनातमुख्य सचिव ने बताया कि मॉडल क्रू-स्टेशन/क्रू-स्टेशन पर मोबाइल क्रू टीम चारधाम रूट पर सभी विजिबल स्ट्रेचस एवं रूट के किनारे पड़ने वाले ग्रामों की मैपिंग की गई है और मोबाइल क्रू-टीम तैनात की जा रही है। राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन की ओर से वनाग्नि की घटनाओं की नियमित समीक्षा की जा रही है।

पांच करोड़ का बजट आवंटित
मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से वनाग्नि नियंत्रण के लिए प्रत्येक जिलाधिकारी को पांच करोड़ का बजट आवंटित कर दिया गया है। जिलाधिकारियों की पूरी टीम जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, डीएफओ, पुलिस अधिकारी व फायर वॉचर्स मौके पर वनाग्नि बुझाने में निरंतर लगे हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग जल्द ही छोटे आकार में वॉटर टैंकर क्रय करेगा। इससे आसानी से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में पोर्टेबल पंपों की सहायता से आग बुझाई जा सकेगी। आग बुझाने वाले सिलेंडरों की व्यवस्था भी तत्काल की जा रही है।

 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर, चार गिरफ्तार
डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि जिन स्थानों पर आग लगाने की घटनाएं सामने आई हैं, वहां पर वन विभाग के अधिकारी, एसडीएम एवं स्थानीय पुलिस बल की सयुंक्त टीम ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक एसओपी बनाई है। इसके तहत पहले फॉरेस्ट एक्ट, वाइल्ड लाइफ एक्ट अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही हाल ही में उत्तराखंड में पारित पब्लिक प्राइवेट प्रॉपर्टी डेमेज रिकवरी एक्ट के तहत भी कार्यवाही की जाएगी। जो लोग बार-बार इस प्रकार की घटनाओं में लिप्त पाए जाते हैं उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी। दोषियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी। अभी तक वनाग्नि की घटनाओं में 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इनमें से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

Maharashtra: सीएम शिंदे ने हुतात्मा हेमंत करकरे को लेकर जारी विवाद पर कांग्रेस को घेरा, कसाब और पाकिस्तान से जोड़ा कनेक्शन

 4000 फायर वाचर्स के होंगे इंश्योरेंस
अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बताया कि वन मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया गया है और सभी फील्ड के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। वन विभाग में कार्यरत लगभग 4000 फायर वाचर्स के इंश्योरेंस की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पौड़ी और अल्मोड़ा जिलों में एनडीआरएफ भी लगाई जाएगी। हेलीकॉप्टर से वनाग्नि प्रभावित इलाकों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है।

खेतों में अवशेष जलाने पर प्रतिबंध
उत्तराखंड में जनपद स्तर पर खेतों में अवशेष आदि जलाने तथा शहरी क्षेत्रों पर ठोस कचरे जलाने पर प्रतिबंध का आदेश पारित कर दिया गया है। यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं कृषि विभाग इस पर निगरानी करेगी।

वनाग्नि की घटनाओं से मुक्त गांव होंगे पुरस्कृत
जिन गांवों के आसपास कोई वनाग्नि की घटनाएं नहीं हुईं, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। आईआईटी रुड़की के साथ क्लाउड सीडिंग के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है। बैठक में सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव दिलीप जावलकर सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.