शरद पवार के बिना मविआ? महाराष्ट्र में बढ़ी राजनीतिक हलचल

शरद पवार और अजीत पवार की मुलाकात पुणे में चोर्डिया नाम के एक उद्योगपति के घर पर हुई थी। इस मुलाकात से विवाद खड़ा हो गया है।

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पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और सरकार में शामिल गुट के नेता अजीत पवार की मुलाकात की खूब चर्चा हो रही है। दोनों की मुलाकात पुणे में चोर्डिया नाम के एक उद्योगपति के घर पर हुई थी। इस मुलाकात से विवाद खड़ा हो गया है। कहा जा रहा है कि इससे मविआ में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। इस संबंध में कांग्रेस और ठाकरे समूह भी समय-समय पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। अब कहा जा रहा है कि कांग्रेस शरद पवार के बिना माविआ के प्लान बी पर विचार कर रही है। जब नाना पटोले से इस बारे में पूछा गया तो कई लोगों की भौंहें तन गईं क्योंकि उन्होंने सीधे तौर पर ‘आलाकमान’ की ओर इशारा किया।

वास्तव में हुआ क्या?
कुछ दिन पहले शरद पवार और अजीत पवार की पुणे में एक बिजनेसमैन के घर पर मुलाकात हुई थी। इसके बाद यह भी कहा गया कि अजीत पवार ने शरद पवार से सरकार में शामिल होने का अनुरोध किया था। हालांकि, मुलाकात में दोनों के बीच क्या चर्चा हुई, इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन कांग्रेस और ठाकरे गुट ने इस संबंध में अपनी नाराजगी जाहिर की है। यहां तक ​​कि जब शरद पवार ने खुद साफ कर दिया है कि वे बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे, तब भी बहस छिड़ गई है।

नाना पटोले ने क्या कहा?
15 अगस्त की सुबह मुंबई के तिलक भवन में झंडा फहराने के बाद मीडिया से बात करते हुए नाना पटोले ने सांकेतिक प्रतिक्रिया दी। क्या शरद पवार और अजीत पवार की मुलाकातों से पैदा हुआ भ्रम दूर हो गया है? इस बारे में पूछे जाने पर नाना पटोले ने कहा कि आलाकमान यानी सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता इस पर फैसला लेंगे।

नाना पटोले ने कहा, ”अब हमारा आलाकमान इस पर फैसला लेगा। हमारे पास इस पर कोई निर्णय लेने का कोई कारण नहीं है। ऐसी गुप्त बैठकें सही नहीं हैं। लेकिन ये सारी चर्चा उच्च स्तर पर होगी।”  नाना पटोले ने कहा, ”इस पर मेरा कुछ भी कहना ठीक नहीं है.”

‘कांग्रेस की भूमिका स्पष्ट’
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ”किस पार्टी में क्या हो रहा है, यह हमारा विषय नहीं है। सवाल है कि उस समूह के मुखिया के तौर पर शरद पवार क्या भूमिका निभाते हैं। किसी के पास उन्हें मजबूर करने का कोई कारण नहीं है।” कांग्रेस की भूमिका स्पष्ट है। हमारी भूमिका यह है कि जो कोई भी भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है, उसे स्वीकार करें।  विपक्ष के इंडिया में 26 प्रमुख नेता हैं। इसमें 7 मुख्यमंत्री शामिल हैं। यह चर्चा उस स्तर पर हो रही है। इसलिए हमारे लिए यहां चर्चा करना उचित नहीं है।”

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