आपातकाल में पुलिस के मुखबिर थे कांग्रेसी नेता – रामबहादुर राय

इंदिरा गांधी के विरोध में जेपी आंदोलन में सत्ता बदलने का दम नहीं था। उन्होंने कहा कि जेलों में ऐसा माहौल था कि आपातकाल कभी समाप्त नहीं होगा और परिवार के लोगों से इस जन्म में भेंट नहीं होगी।

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वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक रामबहादुर राय ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ता आपातकाल के दौरान पुलिस के मुखबिर बन गए थे। यह बात राय ने एनयूजेआई स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में ‘आपातकाल और प्रेस विषय’ पर आयोजित संगोष्ठी में कही। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि क्रांतिकारी माओवादी नेता और कार्यकर्ताओं ने भी आपातकाल में सरकार और पुलिस के मुखबिर की भूमिका निभाई थी। जेल में बंद माओवादी नेता गिरफ्तार नेताओं की जासूसी करते थे।

झूठ से उठाया पर्दा
आपातकाल के दौरान 16 महीने जेल में रहे वरिष्ठ पत्रकार राय ने बताया कि कांग्रेस नेताओं के दबाव में तमाम लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया था। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि आचार्य विनोबा भावे ने कभी नहीं कहा था कि आपातकाल अनुशासन पर्व है। कांग्रेस नेता निर्मला देशपांडे द्वारा फैलाए गए झूठ का विनोबा भावे आपातकाल में व्याप्त भय के कारण विरोध नहीं कर पाए थे।

केवल आरएसएस ने किया भारी विरोध
राय ने संगोष्ठी में बताया कि आपातकाल का केवल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने ही जमकर विरोध किया था। इंदिरा गांधी के खिलाफ आंदोलन के अगुआ जयप्रकाश नारायण गिरफ्तारी के बाद छाये सन्नाटे से हताश हो गए थे। जेपी को उम्मीद थी कि उनकी गिरफ्तारी के बाद पटना समेत देशभर में भारी विरोध होगा। पर देश में पूरी तरह सन्नाटा छा गया। उन्होंने बताया कि जेपी ने जेल में एक महीने बाद डायरी लिखना शुरू किया था। आपातकाल के पहले पांच महीने में इंदिरा सरकार के अत्याचारों के कारण देश हिल गया था। इसके बाद भय को मिटाने के लिए संघ के स्वयंसेवकों ने भूमिगत होकर आपातकाल के विरोध में कार्य किया।

पीएम बने रहने लगाया आपातकाल
राय ने कहा कि इंदिरा गांधी ने केवल प्रधानमंत्री बने रहने के लिए ही आपातकाल घोषित किया था। इंदिरा को अगर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल जाती तो आपातकाल भी नहीं थोंपा जाता। इसके लिए इंदिरा ने सभी लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया। जेपी आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाने वाले रामबहादुर राय ने कहा कि इंदिरा गांधी के विरोध में जेपी आंदोलन में सत्ता बदलने का दम नहीं था। उन्होंने कहा कि जेलों में ऐसा माहौल था कि आपातकाल कभी समाप्त नहीं होगा और परिवार के लोगों से इस जन्म में भेंट नहीं होगी।

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