Uttar Pradesh: योगी सरकार ने खत्म की यूपी में अवैध मदरसों की मान्यता, अब होंगे नए नियम

उत्तर प्रदेश में किसी भी बोर्ड से मान्यता ना लेने वाले मदरसे बंद होंगे। उन पढ़ रहे बच्चों का साल खराब ना हो इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है।

153

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) के फैसले के बाद अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सभी मदरसों (Madrasas) की मान्यता (Recognition) खत्म हो गई है। मानकों को पूरा करने वाले मदरसे अब प्राथमिक (Primary) या माध्यमिक विद्यालयों (Secondary Schools) की तर्ज पर यूपी बोर्ड, सीबीएसई या आईसीएसई से मान्यता लेकर संचालित हो सकेंगे।

मानकों को पूरा नहीं करने वाले मदरसों को किसी भी बोर्ड द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी और उनका संचालन बंद कर दिया जाएगा। इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को सरकारी बेसिक या माध्यमिक विद्यालयों में दाखिला दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें- Assam: पुलिस ने प्रदेश में पकड़ी अब तक की सबसे बड़ी नशे की खेप, सीएम सरमा ने ट्वीट कर की तारीफ

सरकार नये स्कूलों की स्थापना पर काम करेगी
इसके लिए सरकार ने हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। यह समिति ऐसे बच्चों को निजी स्कूलों में भी दाखिला देने के निर्देश जारी कर सकती है। इसके बाद भी अगर छात्र प्रवेश पाने से वंचित रह जाते हैं तो समिति स्थानीय स्तर पर सीटों की संख्या बढ़ाने और नये स्कूलों की स्थापना पर भी काम करेगी।

22 मार्च को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम-2004 को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था। गुरुवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने जिलाधिकारियों को इस आदेश का पालन करने के निर्देश दिये हैं।

यूपी में करीब 16 हजार मदरसे
बता दें, यूपी में करीब 16 हजार मदरसे हैं, जिनमें कुल 13.57 लाख छात्र हैं। कुल मदरसों में से 560 अनुदानित मदरसे हैं, जहां 9,500 शिक्षक कार्यरत हैं। यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बताया कि मदरसा अजीजिया इजाजुतुल उलूम के प्रबंधक अंजुम कादरी ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है। सरकार वहां अपना पक्ष रखेगी।

देखें यह वीडियो- 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.