मदरसे में आतंकी पाठ! हाईस्कूल में था फेल, हिजबुल आतंकी का मौलाना बनकर खेल

यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार अहमद रजा अंतरराष्ट्रीय आतंकी समूह से संबद्ध है।

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अहमद रजा हिजबुल मुजाहिद्दीन

जयपुर के मदरसे में मौलाना बनकर छुपा शख्स हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी निकला। उस आतंकी मौलाना का भंडाफोड़ यूपी एटीएस ने किया है। एटीएस ने उसे गिरफ्तार किया है। जिसका नाम अहमद रजा है।

पाकिस्तानी हैंडलर से संपर्क
मूंढापांडे थाना के प्रभारी निरीक्षक दीपक मलिक ने बताया कि अहमद राज के बारे में पता चला कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन व पाकिस्तान के आतंकी हैंडलर्स के लगातार सम्पर्क में था। अफगानिस्तान में आतंकी कमांडो की ट्रेनिंग लेकर भारत में 15 अगस्त पर कुछ बड़ी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में था। हालांकि इस पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है। एटीएस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ में लगी हुई है। अहमद रजा के तार आतंकी संगठन से जुड़े होने पर स्थानीय पुलिस ने उसके परिवार के बारे में भी जानकारी जुटाई।

घरवालों ने पल्ला झाड़ा
मूंढापांडे पुलिस के प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, अहमद रजा थाना मूंढापाडे क्षेत्र के पोस्ट कांकरखेड़ा ग्राम मिलक गुलड़िया निवासी है। उसका पूरा नाम अहमद रजा उर्फ शाहरुख उर्फ मोहिउद्दीन है। वे दो भाई और तीन बहनें हैं। अहमद का पिता फिरदौस मूंढापांडे थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके विरुद्ध कई केस दर्ज हैं। अहमद रजा हाईस्कूल फेल है, लेकिन पत्नी एवं बेटी संग जयपुर के किसी मदरसे में रहकर पढ़ा रहा था। उसकी मां गुड्डो ने बताया कि उसने तलाकशुदा आसमां से निकाह किया था। वह भी अपने बच्चों को छोड़कर आई थी। अहमद ने घरवालों के सामने कभी कोई संदिग्ध बात नहीं की। गांव में आने पर बच्चों के साथ अधिक वक्त गुजारता था।

मां ने यह भी बताया कि अहमद रजा 12-13 साल की उम्र में ही घर छोड़कर मदरसों में शिक्षा लेने लगा था। पहले वह नियमित घर आता था, लेकिन बीते करीब छह साल से वह केवल त्योहारों या खास मौकों पर ही घर आता था। परिवार और गांव वालों ने बताया कि ईद पर अहमद रजा उर्फ शाहरुख घर आया था। करीब एक-डेढ़ माह यहां रहने के बाद वह जयपुर चला गया था। वहां से आठ-दस दिन पहले ही मुरादाबाद अपने गांव आया था।

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पिता भी अपराधी
उसके परिवार और ग्रामीण उसकी आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से बेखबर थे, जबकि उसके पिता फिरदौस मूंढापांडे थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं। उनके खिलाफ थाने में 16 मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस से बचने के लिए वह छत से कूदा तो एक पैर से दिव्यांग भी हो गया है। उल्लेखनीय है कि मुरादाबाद मंडल के विभिन्न जिलों से पहले भी आतंकी नेटवर्क के कनेक्शन की बात सामने आ चुकी है। चाहे वह अहमद रजा की गिरफ्तारी का हो या फिर चार साल पहले एनआईए द्वारा अमरोहा से आईएसआईएस के नए माड्यूल हरकत उल हर्ब-ए-इस्लाम के नाम के आतंकी संगठन का खुलासा किया गया था। उस समय एनआईए ने आतंकी संगठन के सरगना समेत पांच आतंकियों की गिरफ्तारी की थी।

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