सर्वोच्च न्यायालय ने मानहानि केस में मनोज तिवारी की मांग खारिज की, विजेंद्र गुप्ता को राहत

मनीष सिसोदिया की ओर से मनोज तिवारी के खिलाफ दायर मानहानि केस चलता रहेगा, जबकि विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ अब केस नहीं चलेगा।

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सर्वोच्च न्यायालय ने भाजपा नेता मनोज तिवारी की दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दर्ज मानहानि केस को रद्द करने की मांग खारिज कर दी। साथ ही विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ ट्रायल कोर्ट के समन को निरस्त कर दिया। जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये फैसला सुनाया।

इस फैसले का यह मतलब है कि मनीष सिसोदिया की ओर से मनोज तिवारी के खिलाफ दायर मानहानि केस चलता रहेगा, जबकि विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ अब केस नहीं चलेगा। कोर्ट ने 22 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। 27 जनवरी, 2021 को सर्वोच्च न्यायालय सिसोदिया की ओर से दर्ज मानहानि केस में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाते हुए सिसोदिया को नोटिस जारी किया था। मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली में स्कूल भवनों के निर्माण में सिसोदिया पर घपले का आरोप लगाया था।

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याचिका खारिज कर दी
इससे पहले 17 दिसंबर, 2020 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनीष सिसोदिया की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन के खिलाफ मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता की याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय के इसी फैसले के खिलाफ मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

छह नेताओं के खिलाफ समन जारी
मनीष सिसोदिया ने मनोज तिवारी, विजेंद्र गुप्ता, मनजिंदर सिंह सिरसा, हरीश खुराना, हंसराज हंस और प्रवेश वर्मा के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया है। 28 नवंबर, 2019 को दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में तिवारी समेत छह नेताओं के खिलाफ समन जारी किया था।

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