PM Modi in ISRO: गगनयान मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों के नाम आए सामने, प्रधानमंत्री मोदी ने कही ये बड़ी बात

पीएम मोदी ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तिरुवनंतपुरम का दौरा किया। इस दौरान इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने पीएम को स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत किया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने केरल (Kerala) के तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) में इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (Vikram Sarabhai Space Centre) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने इसी केंद्र से ट्राइसोनिक विंड टनल प्रोजेक्ट (Trisonic Wind Tunnel Project) का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने इसरो चीफ एस सोमनाथ (ISRO Chief S Somnath) के साथ मिशन गगनयान (Gaganyaan Mission) का रिव्यू भी किया। इसी के साथ पीएम ने गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों (Astronauts) के नाम की घोषणा की। (PM Modi in ISRO)

भारत अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट भेजने की तैयारी कर रहा है। भारतीय अनुसंधान संगठन इसके लिए दिन-रात काम कर रहा है। हम एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष में भेजने के मिशन में एक कदम आगे बढ़ा रहे हैं। हाल ही में इसरो ने इस संबंध में एक अहम अपडेट दिया है। अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के नाम सामने आ गए हैं।

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पीएम मोदी ने गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों से की मुलाकात
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (27 फरवरी) बेंगलुरु के विक्रम साराभाई स्पेस स्टेशन में गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों से मुलाकात की। अंतरिक्ष यात्रियों के नाम ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगत प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं।

गगनयान मिशन भारत की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है
चारों अंतरिक्ष यात्री बेंगलुरु स्थित संस्थान में प्रशिक्षण ले रहे हैं। गगनयान मिशन भारत की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। अगर भारत इस मिशन में सफल हो जाता है तो भारत अंतरिक्ष में इंसान भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा।

अंतरिक्ष यात्रियों का रूस में भी हुआ प्रशिक्षण
चयन प्रक्रिया के माध्यम से चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया गया है। इसके लिए इसरो द्वारा एक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान किया गया था। उनकी ट्रेनिंग 2021 में खत्म हो गई। बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी के कारण ट्रेनिंग में ज्यादा समय लग गया। बताया गया है कि चार अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण के लिए रूस भी भेजा गया था।

2025 में गगनयान लॉन्च करने की योजना
गगनयान को 2025 में लॉन्च किया जाना है। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में इसरो ने श्री हरिकोटा से गगनयान अंतरिक्ष यान लॉन्च किया था। यह परीक्षण यह जानने के लिए किया गया था कि रॉकेट में खराबी की स्थिति में अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित बच सकते हैं या नहीं।

इसरो का यह मिशन सफल होगा
पिछले हफ्ते इसरो ने अहम जानकारी दी थी। इसरो ने कहा था कि क्रायोजेनिक इंजन का परीक्षण पूरा हो चुका है। गगनयान में भी इसी इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा। गगनयान मिशन भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा। देशवासियों को भरोसा है कि इसरो का यह मिशन सफल होगा।

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