Deepfake cases: इंदौर में दर्ज हुआ केस, पीएम मोदी, कमलनाथ व विजयवर्गीय के बने फर्जी वीडियो 

साइबर एसपी जितेंद्र सिंह के मुताबिक डीपफेक बनाने वाला गिरोह डार्कनेट पर सक्रिय है। डार्कनेट पर अभी तक हथियार, मादक पदार्थ और एटीएम-क्रेडिट कार्ड की जानकारी बिक रही थी।

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Deepfake cases: राजनेता व सेलिब्रिटी के डीपफेक वीडिया आए दिन सामने आ रहे हैं। बड़े उद्योगपतियों को भी निशाना बनाया जाने लगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), कमलनाथ व कैलाश विजयवर्गीय के फर्जी वीडियो समेत डीपफेक के कई दूसरे मामलों को लेकर इंदौर (Indore) में केस दर्ज (Case registered)की गई है। एक कांग्रेस नेता अश्लील वीडियो के शिकार हुए हैं। इस नेता ने विधानसभा का चुनाव लड़ा है।

कनाड़िया थाने की पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फर्जी वीडियो (fake video) जारी करने पर एफआईआर दर्ज की है। वीडियो कहां बना, इसकी जांच जारी है। अपराध शाखा ने भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय का फर्जी वीडियो बनाने पर एफआईआर दर्ज की है।

विधानसभा चुनाव के दौरान आईं ज्यादा शिकायतें
अपराध शाखा के डीसीपी निमिष अग्रवाल के अनुसार डीपफेक की सबसे ज्यादा शिकायतें विधानसभा चुनाव (assembly elections) के दौरान दर्ज हुईं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का भी फर्जी वीडियो बनाकर इंटरनेट पर बहुप्रसारित किया गया, जो लाडली लक्ष्मी योजना बंद करने से जुड़ा था। इस फर्जी वीडियो को लेकर भी अपराध शाखा में एफआईआर दर्ज की गई। कांग्रेस नेता राकेश यादव की शिकायत पर प्रकरण की साइबर सेल जांच में जुटी है। कांग्रेस के एक प्रत्याशी का अश्लील वीडियो इंटरनेट पर जारी किया गया, जिसमें उन्हें आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में भी एफआईआर दर्ज की।

डीपफेक बनाने वाला गिरोह डार्कनेट पर सक्रिय
साइबर एसपी जितेंद्र सिंह के मुताबिक डीपफेक बनाने वाला गिरोह डार्कनेट पर सक्रिय है। डार्कनेट पर अभी तक हथियार, मादक पदार्थ और एटीएम-क्रेडिट कार्ड की जानकारी बिक रही थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में अब डार्कनेट पर भी फर्जी वीडियो बनाए जा रहे हैं। एक मिनट लंबे वीडियो के एवज में एक लाख रुपए तक लिए जा रहे हैं। यह काम दो स्तरों पर होता है। इसे मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया जाता है। इस टेक्नोलाजी में कोडर और डिकोडर की मदद ली जाती है। डिकोडर व्यक्ति के चेहरे और हावभाव को परखता है, जिसका वीडियो बनाना है। इसके बाद फर्जी चेहरे पर इसे लगा दिया जाता है।

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