Amit Shah के डीपफेक वीडियो मामलाः इस कारण अरुण रेड्डी को मात्र एक दिन की न्यायिक हिरासत

अमित शाह का आरक्षण को लेकर एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में ये भ्रम फैलाया जा रहा था कि अमित शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को हटाने की बात कही थी।

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Amit Shah: दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट(Patiala House Court, Delhi) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Union Home Minister Amit Shah) के डीपफेक वीडियो(Deepfake video) के मामले में गिरफ्तार अरुण रेड्डी(Arun Reddy) को एक दिन की न्यायिक हिरासत(Judicial custody) में भेज दिया है। अरुण रेड्डी ने 6 मई को जमानत याचिका दायर(Bail plea filed) की, जिस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस(Delhi Police) को नोटिस जारी किया है। जमानत याचिका पर अगली सुनवाई कल यानि 7 मई को(Next hearing on May 7) होगी।

14 दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग
6 मई को अरुण रेड्डी की पुलिस हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उसे ड्यूटी मजिस्ट्रेट नेहा गर्ग के समक्ष पेश किया गया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट से दिल्ली पुलिस ने अरुण रेड्डी की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग की। तब ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि ये मामला दूसरे मजिस्ट्रेट के समक्ष जाएगा, इसलिए आप कल संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कीजिए। ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने अरुण रेड्डी को कल यानि 7 मई तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

तीन मई को हुई थी गिरफ्तारी
कोर्ट ने 4 मई को अरुण रेड्डी को आज तक की पुलिस हिरासत में भेजा था। अरुण रेड्डी को 3 मई को गिरफ्तार किया गया था। अरुण रेड्डी सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर ‘स्पिरिट ऑफ कांग्रेस’ हैंडल संचालित करता है। अरुण रेड्डी कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल का नेशनल कोआर्डिनेटर है। पुलिस के मुताबिक अमित शाह के डीपफेक वीडियो बनाने में अरुण रेड्डी की भूमिका है। इस वीडियो को वायरल करने में भी उसकी खासी भूमिका है। अरुण रेड्डी पर मोबाइल से सबूत मिटाने का भी आरोप है। दिल्ली पुलिस ने रेड्डी का फोन जब्त कर जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है।

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डीपफेक वीडियो वायरल
दरअसल, अमित शाह का आरक्षण को लेकर एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में ये भ्रम फैलाया जा रहा था कि अमित शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को हटाने की बात कही थी। अमित शाह ने इसका खंडन करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा था। उसके बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में हैदराबाद पुलिस ने तेलंगाना कांग्रेस के पांच सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। पांचों को हैदराबाद के ट्रायल कोर्ट ने दस-दस रजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी और उन्हें अगले आदेश तक जांच अधिकारी के सामने पेश होने का आदेश दिया था।

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