मणिपुर वीडियो मामले पर सर्वोच्च सुनवाई टली, ये है कारण

सर्वोच्च न्यायालय ने 20 जुलाई को इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि हमें इन तस्वीरों से धक्का पहुंचा है।

194

मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाले वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्वतः संज्ञान लेने के मामले में आज सुनवाई नहीं होगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के उपलब्ध नहीं होने के कारण सुनवाई टल गई।

इस मामले में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार की सहमति लेकर जांच सीबीआई को ट्रांसफर की जा रही है। मुकदमे का तेज निपटारा जरूरी है। केंद्र ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट इस केस को राज्य से बाहर ट्रांसफर करने का आदेश दे और ट्रायल कोर्ट से कहे कि वह चार्जशीट के छह महीने के भीतर फैसला दे।

अमित शाह ने बताया षड्यंत्र
इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे एक षड्यंत्र बताया है। उन्होंने कहा है कि मॉनसून सत्र से पहले इस वीडियो का वायरल होना एक सोची-समझी साजिश है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। जल्द ही सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सर्वोच्च न्यायालय ने 20 जुलाई को लिया था स्वतः संज्ञान
सर्वोच्च न्यायालय ने 20 जुलाई को इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि हमें इन तस्वीरों से धक्का पहुंचा है। हिंसा प्रभावित क्षेत्र में महिलाओं को सामान की तरह इस्तेमाल किया गया। अगर राज्य सरकार कार्रवाई नहीं करेगी, तो हम करेंगे।

कांग्रेस राज में बुर्का विवाद? कर्नाटक में बस चालक ने मुस्लिम छात्राओं को बस में चढ़ने से रोका

 बताया था परेशान करने वाला वीडियो
चीफ जस्टिस ने कहा था कि दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाला वीडियो परेशान करने वाला है। ये समय है जब सरकार वाकई में काम करे। ये अस्वीकार्य है। बेंच ने कहा था कि किसी महिला का इस्तेमाल सांप्रदायिक विभाजन बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता है। ये मानवाधिकार का सीधा-सीधा उल्लंघन है। ये लोकतांत्रिक संविधान के लिए ठीक नहीं है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.