हड़ताल पर महाराष्ट्र के निवासी डॉक्टर, स्वास्थ्य व्यवस्था हो सकती है प्रभावित

हड़ताल का असर मरीजों पर न पड़े इसलिए मुंबई के केईएम, नायर, सायन, कूपर और जे.जे. अस्पताल प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है।

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महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों के निवासी डॉक्टरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल से मुंबई सहित राज्य के सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। राज्यभर के सरकारी और मनपा अस्पतालों के निवासी डॉक्टर्स इस हड़ताल में शामिल हुए हैं। निवासी डॉक्टरों ने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन भी किया। दावा है कि पूरे राज्य से लगभग 7,000 डॉक्टर हड़ताल में शामिल हुए हैं।

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ओपीडी सेवा रहेगी चालू
हड़ताल के दौरान आपात सेवाओं को छोड़ अन्य सभी विभाग बंद रखने की चेतावनी मार्ड की तरफ से दी गई थी। हालांकि, हड़ताल का असर मरीजों पर न पड़े इसलिए मुंबई के केईएम, नायर, सायन, कूपर और जे.जे. अस्पताल प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। अस्पतालों के विभाग प्रमुखों, सहयोगी व सहायक प्राध्यापकों के साथ ही वरिष्ठ डॉक्टरों की आवश्यकतानुसार नियुक्ति की गई है। इस बीच सभी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बहाल रखी जाएगी। इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया है कि महत्वपूर्ण सर्जरियों पर हड़ताल का असर न होने पाए।

चर्चा में नहीं बनी बात
हड़ताल को लेकर रविवार को अस्पतालों के डीन ने निवासी डॉक्टरों से चर्चा की थी। लेकिन शासन-प्रशासन से ठोस आश्वासन न मिलने से मार्ड के निवासी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि, कुछ अस्पतालों के डीन का कहना है कि एक-दो विभागों को छोड़कर अन्य किसी भी विभाग के निवासी डॉक्टर हड़ताल में शामिल नहीं हैं।

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