Indore: महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कितना मुश्किल था शहर को सातवीं बार नबंर वन बनाना

इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर को सातवीं बार स्वच्छता में देश का नंबर वन शहर का अवार्ड बनने पर बधाई दी।

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Indore: स्वच्छता सर्वेक्षण-2023(Sanitation Survey-2023) में इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से देश के सबसे स्वच्छ शहर(Indore and Surat jointly declared the cleanest cities of the country) का अवॉर्ड मिला। इंदौर को लगातार सातवीं बार यह अवॉर्ड (Indore gets this award for the seventh consecutive time) मिला है। 11 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू(President Draupadi Murmu) ने नई दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर(Bharat Mandapam Convention Center, Delhi) में यह अवॉर्ड प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव(Chief Minister Dr. Mohan Yadav) को प्रदान किए। इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव(Indore Mayor Pushyamitra Bhargava), सांसद शंकर लालवानी, नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह मौजूद रहे।

सातवीं बार नंबर वन
इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शहर के सातवीं बार नंबर वन आने पर मीडिया से कहा कि नई टीम, नई चुनौती के बावजूद हमारा इंदौर नंबर वन आया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में इंदौर के सामने इस बार कुछ अलग तरह की चुनौतियां थीं। सबसे पहली चुनौती तो स्वच्छता में सिरमौर बने रहने और इस ताज को बनाए रखने की थी। हम लगातार छह वर्षों से सर्वेक्षण में पहले नंबर पर आ रहे थे। देशभर में पहले नंबर पर आना बहुत मुश्किल नहीं, लेकिन इस स्थान पर लगातार बने रहना बहुत मुश्किल होता है। खुशी की बात यह है कि इंदौर ने इस मुश्किल को पार कर लिया।

थी बड़ी चुनौती
उन्होंने कहा कि दूसरी चुनौती थी सर्वेक्षण के समय शहर की स्वच्छता को बनाए रखना। यह पहला मौका था जब सर्वेक्षण वर्षाकाल में हुआ। ऐसे में स्वच्छता का मापदंडों पर खरा उतरना आसान नहीं था, लेकिन सफाई मित्रों के अथक प्रयासों से यह संभव हो सका। हमारे सामने तीसरी बड़ी चुनौती थी नई टीम के साथ नई चुनौतियों को स्वीकारना। नगर निगम में बदलाव के बाद अधिकारियों की लगभग पूरी टीम बदल गई थी। नई टीम के साथ इंदौर की स्वच्छता की सफाई की परंपरा का निर्वाहन आसान नहीं था, लेकिन आपसी समन्वय की वजह से हम हमारी परंपरा का निर्वाहन करने में सफल रहे।

टीम वर्क का परिणाम
भार्गव ने कहा कि आज इंदौर ने स्वच्छता का सातवां आसमान छुआ है तो यह टीम वर्क का ही परिणाम है। जनभागीदारी, आपसी समन्वय और एक-दूसरे की मदद का जज्बा ये कुछ ऐसी बातें हैं जो इंदौरियों की पहचान बन चुकी हैं। यह सफलता पूरे इंदौर की सफलता है। हर इंदौरी को इस पर गर्व है।

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ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट पर किया बहुत काम
उन्होंने कहा कि इस बार हमने ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट पर बहुत काम किया। इस बार हमने नवाचार करते हुए सफाई मित्रों के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन बनाई। हमारे सफाई मित्र जो दिनभर शहर को चकाचक बनाए रखने में जुटे रहते हैं उन्हें अपने छोटे-छोटे काम के लिए जोन कार्यालय के चक्कर न काटना पड़े इसके लिए प्रत्येक जोन कार्यालय पर सफाई मित्र सहायता केंद्र खोले। इसका फायदा यह मिला कि सफाई मित्रों के मन में यह विश्वास और दृढ़ हुआ कि निगम उनके साथ है और उनकी छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान को लेकर सजग है।

दूसरे शहर हमसे सीख रहे, इंदौर आगे भी सिलसिला जारी रखेगाः कलेक्टर
इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर को सातवीं बार स्वच्छता में देश का नंबर वन शहर का अवार्ड बनने पर बधाई दी। उन्होंने निगम के सभी कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों को बधाई देते हुए कहा कि इंदौर से देश के अन्य शहर भी सीख रहे हैं और इसी का परिणाम है कि सूरत ने भी देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का अवार्ड प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि मेरे निगम आयुक्त रहते इंदौर में डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन, कूड़े का पहाड़ हटाने, ड्राय सेग्रीगेशन प्लांट लगाने, गीले कचरे से बायो सीएनजी गैस बनाने जैसे स्वच्छता के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किए हैं जिससे अन्य शहर भी सीख रहे हैं। इससे हमारा काम और मुश्किल होता जा रहा है, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम यह सिलसिला आगे भी बनाएं रखेंगे।

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