Govind Dev Giri Ji Maharaj : “स्वामीजी के शब्द हर हिंदू के दिल में हैं!” सुरेश चव्हाण ने ताजा कीं पुरानी यादें

14 जनवरी को मुंबई के दादर में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक पर स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज का अमृत महोत्सव सम्मान समारोह मनाया गया।

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Govind Dev Giri Ji Maharaj : परम पूज्य स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज को मैं कई वर्षों से जानता हूं। 40 साल पहले, स्वामीजी और मैं एक शिविर में समूह नेता के रूप में मिले थे। उनकी वही आवाज, वही हिंदुत्व जो तब था, वही आज भी दिखता है। एक बार जब मैंने उनसे पूछा कि वह कब से काम कर रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, “मैं जब पालने में था, तब से स्वयंसेवक हूं।” प्रतिष्ठित ‘सुदर्शन न्यूज'(Sudarshan News) के संपादक सुरेश चव्हाणके ने यह उद्गार व्यक्त करते हुए कहा, “अब उनके शब्द हर भारतीय के दिल में हैं।”

वह 14 जनवरी को मुंबई के दादर में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक(Swatantraveer Savarkar National Memorial) पर आयोजित स्वामीजी के अमृत महोत्सव सम्मान समारोह(Swamiji’s Amrit Mahotsav Honor Ceremony) में बोल रहे थे। समारोह का आयोजन स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक(Swatantraveer Savarkar National Memorial) और हिंदू जनजागृति समिति(Hindu Janajagruti Samiti) द्वारा किया गया था।

ये थे उपस्थित
इस अवसर पर विधान परिषद की उपाध्यक्ष विधायक नीलम गोर्हे, विधायक और भाजपा प्रवक्ता अतुल भातखलकर, भाजपा विधायक एडवोकेट आशीष शेलार, सांसद राहुल शेवाले, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर और हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उपस्थित।

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…इसके लिए अलंदी के समारोह की अनुमति दी गई!
इस अवसर पर बोलते हुए, सुरेश चव्हाण ने आगे कहा कि आलंदी में 75 संतों का सम्मान करके स्वामीजी का अमृत महोत्सव मनाया गया। उसके माध्यम से, मुझे लगता है कि स्वामीजी ने समाज को यह सिखाने के लिए अपना अमृत महोत्सव मनाने की अनुमति दी ,”अमृत महोत्सव भी कैसे मनाया जा सकता है, इसके लिए हाल ही में आलंदी में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मैं भी चाहता हूं कि मुझे भी उनकी भव्य शताब्दी मनाने का सौभाग्य मिले।”

हिंदू राष्ट्र के लिए करें प्रयास
आज ही के दिन 14 फरवरी को हिंदुओं के लिए ‘वेलेंटाइन डे’ का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए सुदर्शन चैनल द्वारा 20 साल पहले ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ की शुरुआत की गई थी। गुरु पिता की तरह होता है। इसलिए इस समारोह का विशेष महत्व है। मेरा मानना ​​है कि इस अवसर पर सभी को कुछ न कुछ संकल्प लेना चाहिए। चव्हाण ने यह भी अपील की कि “सभी को भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का प्रयास करना चाहिए।”

स्वामी जी जैसे लोगों के त्याग औऱ समर्पण के कारण राम मंदिर बना! -अतुल भातखलकर, विधायक एवं प्रवक्ता, भाजपा
“मैं इस कार्यक्रम में बोलने का अवसर पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। बचपन से ही हिंदू धर्म में पला-बढ़ा, इसलिए मुझे विश्वास है कि मुझे यह अवसर दिया गया है।” यह उद्गार भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने व्यक्त किये।

भातखलकर ने कहा,  स्वामी जी ने भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया, हिंदुत्व के विचारों का प्रचार-प्रसार किया। स्वामीजी जैसे लोगों ने अपने जीवन के लिए कड़ी मेहनत की। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्री रामलला की स्थापना का श्रेय ऐसे महापुरुषों का है। आपके विचार, आपकी वाणी धाराप्रवाह है। 22 जनवरी को समारोह में अपने भाषण में जब उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का जिक्र किया तो इस देश में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है, जो उत्साहित न हुआ हो। लाखों लोग आपके विचारों से प्रेरित होकर इस समाज को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। अमृत महोत्सव पर आपको मेरी शुभकामनाएं।”

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