यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ने हिरोशिमा में पीएम मोदी से की मुलाकात, रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोले प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिरोशिमा में यूक्रेन के राष्ट्रपति से मुलाकात की। यूक्रेन और रूस में युद्ध शुरू होने के बाद पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति पहली बार एक-दूसरे से मिले हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जापानी शहर हिरोशिमा (Hiroshima) में जी-7 शिखर सम्मेलन (G-7 Summit) के मौके पर यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (President Volodymyr Zelensky) से मुलाकात की। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी पीएम फुमियो किशिदा, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और वियतनामी प्रधान मंत्री फाम मिन्ह चिन्ह के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। भारत और यूक्रेन के वरिष्ठ राजनयिकों के बीच लंबे विचार-विमर्श के बाद पीएम मोदी और ज़ेलेंस्की के बीच बैठक निर्धारित की गई थी। पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद पीएम मोदी और ज़ेलेंस्की के बीच यह पहली आमने-सामने की बैठक थी।

पीएम मोदी अपने तीन देशों के दौरे के पहले चरण में जी-7 समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 19 मई को हिरोशिमा पहुंचे। इसके बाद वह पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया भी जाएंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति जी-7 समूह के वर्तमान अध्यक्ष जापान के निमंत्रण के बाद शिखर सम्मेलन में भी भाग ले रहे हैं। यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डेनिलोव ने खुलासा किया कि ज़ेलेंस्की जापान में शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इससे पहले उनके वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होने की खबर आई थी।

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डेनिलोव ने शुक्रवार को राष्ट्रीय टेलीविजन पर कहा कि हमें यकीन था कि हमारे राष्ट्रपति वहां होंगे जहां यूक्रेन को दुनिया के किसी भी हिस्से में उनकी जरूरत होगी, ताकि हमारे देश की स्थिरता के मुद्दे को हल किया जा सके। डेनिलोव ने कहा कि वहां बहुत महत्वपूर्ण मामलों का फैसला किया जाएगा, इसलिए भौतिक उपस्थिति हमारे हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।” बैठक में जी-7 देशों के नेताओं ने रूस पर और सख्त प्रतिबंध लगाने और बहिष्कार पर बातचीत की है। इसमें यूक्रेन की सहायता को बढ़ाने पर भी सहमति बनी है।

यह युद्ध का समय नहीं है: पीएम मोदी
यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से मोदी ने कई बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ ज़ेलेंस्की से भी बात की है। पिछले साल 4 अक्टूबर को जेलेंस्की से फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि किसी भी विवाद का सैन्य समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी भी शांति प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के सामने भी कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है। उनके इस बयान की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से पीएम मोदी के इस बयान को दोहराया।

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भारत के यूक्रेन के साथ अच्छे संबंध
पीएम मोदी की ज़ेलेंस्की से मुलाकात के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा। भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। यूक्रेन युद्ध में भारत अप्रत्यक्ष रूप से रूस का समर्थक रहा है, हालाँकि उसने खुलकर उसका समर्थन नहीं किया है। भारत के यूक्रेन के साथ भी अच्छे संबंध हैं। ऐसे में भारत चाहे तो दोनों पक्षों को बैठाकर शांति वार्ता कर सकता है।

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