बैठक कोराना की, रोना आंदोलन का!

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कोरोना काल में ठाकरे सरकार भारतीय जनता पार्टी के आंदोलनों से परेशान है। एक तरफ जहां उसे कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए तमाम तरह के कदम उठाने पड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उसके लिए अपने विरोधियों के आंदोलनों से निपटना भी एक बड़ी चुनौती है। इस हालत में महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महाराष्ट्र में भाजाप नेताओं द्वारा किए जा रहे आंदोलनों को लेकर शिकायत की है।

राजनैतिक स्वार्थ के लिए आंदोलन करने का आरोप
ठाकरे ने कहा कि हमारी सरकार तो कोरोना कंट्रोल की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन बीजेपी के नेता राजनैतिक स्वार्थ के लिए तरह-तरह के आंदोलन कर हमारे लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। ठाकरे ने पीएम से हालात के मद्देनजर उन्हें इस तरह के आंदलोन करने से रोकने का निवेदन किया है।

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उद्धव ठाकरे ने की सहयोग की अपील
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना एक खतरनाक संक्रामक बीमारी है और इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर उपाय किया जाना चाहिए। क्योंकि कंटेनमेंट जोन के लोगों के देश के दूसरे भागों में यात्रा करने से यह बीमारी फैल सकती है। अभी दिल्ली, केरल में इसका संक्रमण बढ़ रहा है, आगे दूसरे राज्यों में इसका संक्रमण बढ़ सकता है। महाराष्ट्र में कुछ महीने से पहले तक हर दिन नये मरीजों का आंकड़ा 24 हजार के करीब था, जो अब घटकर 5000-4500 के करीब आ गया है। लेकिन अभी भी जनता को ध्यान देने और तीन सूत्रीय नियमों के पालन करने की जरुरत है। उन्होंने पीएम मोदी से अनुरोध किया कि ऐसी विपरीत परिस्तिथि में किसी को भी राजनीति न कर सकार और प्रशासन को इसे रोकने में सहयोग करना चाहिए।

टास्क फोर्स का गठन
सीएम ठाकरे ने पीएम के साथ हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में बताया कि वे पुणे की सिरम इंस्टीट्यूट के अदार पुणेवाला के संपर्क में हैं और उनकी सरकार ने लोगों के वैक्सिनेशन के लिए टास्क फोर्स का भी गठन किया है।

बैठक में ये हुए शामिल
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संक्रमण बढ़ रहे आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वहां की परिस्थितियों की समीक्षा करने के लिए 24 नवंबर को बैठक बुलाई थी। बैठक में बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोर गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी मौजूद थे।

बंपर बिजली बिल को लेकर भाजपा का आंदोलन
बता दें कि फिलहाल लॉकडाउन के दौरान बिजली सप्लाई करनेवाली कंपनियों द्वारा बढ़ाकर भेजे गए बिजली बिल को लेकर भाजपा ने आंदोलन तेज कर दिया है। 23 नवंबर को मुंबई समेत राज्य के अन्य शहरों में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर आंदोलन तेज करते हुए आगे भी आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया।

मंदिर खोलने को लेकर आंदोलन
इससे पहले राज्य में मंदिरों को खोलने को लेकर भी बीजेपी ने आंदोलन कर सरकार के लिए परेशानी खड़ी की थी। हालांकि उद्धव सरकार ने पिछले दिनों सभी धर्मस्थलों को खोलने की इजाजत दे दी है।

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