मन ‘मोहन’ भागवत, मोदी से तकरार! जनता को क्यों भूले सरकार?

जीएसटी के पैसे को लेकर भी उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार की मंशा पर कई सवाल खड़े किये। जीएसटी के बकाए पैसे को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जीएसटी की प्रक्रिया पूरी तरह से फेल रही है, इस बात को मानते हुए प्रधानमंत्री को इसे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।

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शिवसेना की दशहरा रैली इस बार शिवाजी पार्क मैदान से नहीं बल्कि शिवाजी पार्क पर स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक से हुई। शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को अभिवादन करने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परिवार के संग स्वातंत्र्यवीर सावरकर के स्मारक पर जाकर वीर सावरकर की प्रतिमा को नमन किया। उनका दशहरा संबोधन बीजेपी, आरएसएस और जीएसटी के इर्द-गिर्द रहा। उन्होने अपने संबोधन में जहां प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदुत्व को लेकर व्यक्त किए गए विचार का समर्थन किया। इस पूरे अटैक में जनता गायब ही रही।

बीजेपी को घेरा
राज्य में शिवसेना के साथ एनसीपी और कांग्रेस सत्ता में है। जबकि उसकी लंबे समय तक साथी रही बीजेपी विपक्ष में है। दशहरा रैली पर शिवसेना पक्ष प्रमुख ने जहां बीजेपी पर जमकर निशाना साधा,वहींं राष्ट्रीय स्वयं संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदुत्व को लेकर दिए गए बयान का समर्थन किया। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के नागपुर में शस्त्र पूजन के समय दिये गए भाषण को उल्लेख करते हुए उनके द्वारा हिंदुत्व को लेकर व्यक्त किए गए विचार का समर्थन किया।उन्होंने मंदिर खोलने के मुद्दे पर पीएम के थाली बजाने और दीप प्रज्ज्वलन के मुद्दे पर तीखा प्रहार किया। उद्धव के निशाने पर बीजेपी के नेता नारायण राणे और उनके पुत्र भी रहे। ठाकरे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर इशारों-इशारों में जमकर निशाना साधा।

जनता की मुद्दे गायब

राज्य में कोरोना के बाद उपजी परिस्थिति के बाद जनता को सरकार से उम्मीदें थीं। ऐसे में आसमानी अफत ने समस्या को बढ़ा दिया है। निसर्ग के बाद बारिश की मार से किसान परेशान हैं लेकिन दशहरा रैली में गरीबों की मदद पर जीएसटी का रोना ही सुनने को मिला।

सभी सीएम को जीएसटी पर एकजुट होने की अपील की
जीएसटी के पैसे को लेकर भी उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार की मंशा पर कई सवाल खड़े किये। जीएसटी के बकाए पैसे को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जीएसटी की प्रक्रिया पूरी तरह से फेल रही है, इस बात को मानते हुए प्रधानमंत्री को इसे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। सीएम ने कहा कि राज्य का जीएसटी का बकाया बढ़ता जा रहा है। राज्य में अतिवृष्टि से गांव के गांव उजड़ गए हैं। पीड़ितों को मदद देने के लिए पैसा कहां से लाएं? केंद्र सरकार बकाया जीएसटी नहीं दे रही है। उलटे कह रही है कि ऋण ले लीजिये, फिर क्या हम ऋण लेते रहें। केंद्र से जून महीने में हमने पैसे मांगे थे लेकिन अभी तक एक भी पैसा नहीं आया। हमे पैसे नहीं देते और बिहार को वैक्सीन देते हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील करते हुए कहा कि सभी एकत्र आएं और इस पर फैसला लें।

हम पापी वृत्ति के नहीं
उद्धव ठाकरे ने सुशांत सिंह राजपूत के मामले को लेकर हुए बवाल पर भी प्रहार किया। उन्होंने कहा कि बिहार के बेटे के नाम पर महाराष्ट्र के नाम बेटे से अन्याय नहीं होने देंगे। इस मुद्दे को लेकर ठाकरे परिवार पर, आदित्य पर हमले किये गए। लेकिन हम पापी वृत्ति के नहीं हैं इसलिए हमारे हाथ साफ हैं।

मेरा बाप मेरे साथ है
बीजेपी नेता राव साहेब दानवे पर प्रहार करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरे माता पिता मेरा साथ हैं। इस मिट्टी में हैं। मैं किराए का बाप नहीं लेता।

शिवसेना सावरकर का हिंदुत्व माननेवाली – राऊत
इस बार की दशहरा रैली शिवाजी पार्क में नहीं हुई। वो शिवाजी पार्क के स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में हो रही है। इस स्थान का विशेष महत्व है। शिवसेना स्वातंत्र्यवीर सावरकर की राष्ट्रभक्ति और हिंदुत्व को माननेवाली है। इसलिए हिंदुत्व कोई हमें न सिखाए।

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