महाराष्ट्र में कौन है सुपर सीएम?

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की एक साइन की हुई फाइल में फर्जीवाड़े का मामला उजागर हुआ है। इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मच गया है।

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महाराष्ट्र सचिवालय में फाइलों की सुरक्षा में सेंध लगने का एक गंभीर मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की एक साइन की हुई फाइल में छेड़छाड़ का मामला उजागर हुआ है। इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मच गया है। इस मामले में मरीन ड्राइव पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।

सीएम ने दिया था जांच का आदेश
मिली जानकारी के अनुसार सार्वजनिक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अभियंता की जांच करने का आदेश उस फाइल में दिया गया था। उस पर मुख्यमंत्री ठाकरे ने साइन कर जांच को हरी झंडी दी थी। लेकिन फाइल पर जहां सीएम ने हस्ताक्षर किया था, उस स्थान पर लाल रंग की स्याही से लिख दिया गया था- वरिष्ठ अभियंता नाना पवार के खिलाफ जांच बंद करें। इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

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ये है पूरा मामला
फडणवीस सरकार के कार्यकाल में जेजे स्कूल ऑफ आर्ट की इमारत में निर्माण में आर्थिक अनियमितता का मामला सामने आया था। इस मामले में सार्वजनिक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अभियंता नाना पवार के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया गया था। महाविकास आघाड़ी सरकार के सत्ता में आने के बाद भी जांच पर अमल करने का आदेश जारी किया गया था। फाइल पर महाविकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साइन कर जांच को हरी झंडी दी थी। लेकिन जब सार्वजनिक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण की फाइल पर नजर पड़ी तो वे कुछ समझ नहीं पाए। उन्होंने इस फाइल को दोबारा मुख्यमंत्री के पास भेज दिया। उसके बाद फाइल से छेड़छाड़ का मामला उाजगर हुआ।

पहले भी सामने आ चुकी है अधिकारियों की मनमानी
पिछले वर्ष मई महीने में मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के कई मंत्रियों ने प्रशासनकि अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगया था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शिकायत करते हुए उन्होंने कहा था कि प्रशासनिक अधिकारी राज्य सरकार के निर्णयों के विरोधी आदेश जारी करते हैं। वे इस बारे में राज्य सरकार से सलाह लेने की जरुरत नहीं समझते। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और राज्य सरकार में समन्वय की कमी होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि कई बार जिलाधिकारी, महानगरपालिका अधिकारी और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारी सरकार विरोधी आदेश जारी करते हैं। इससे जहां सरकार का सम्मान कम होता है, वहीं लोगों में भी भ्रम पैदा होता है।

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