राहुल को क्रांतिकारियों का कोई ज्ञान नहींं, सावरकर पर टिप्पणी में देश से क्षमा मांगें: शान्ता कुमार

116

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कहा है कि भारत के महान क्रान्तिकारी देशभक्त वीर सावरकर के संबन्ध में आपत्तिजनक बयान देकर राहुल गांधी ने पूरे स्वतंत्रता आन्दोलन के शहीदों का अपमान किया है। कांग्रेस में समझदार नेता उन्हेंं सलाह दें और वह पूरे देश से क्षमा याचना करें।

उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में जीवन के 27 वर्ष जेल में बिताने वाले वीर सावरकर ने उसमें से भी 11 वर्ष काला पानी की जेल में बिताये थे। मुझे अण्डमान में जेल की उस काल कोठरी को देखने का सौभाग्य मिला था। उसे देखकर आंखें बन्द करके हाथ जोड़कर मैने उस महान क्रान्तिकारी को प्रणाम किया, जिसने लगभग 10 फुट लंबी चौड़ी उस अंधेरी कोठरी में लगभग 11 वर्ष व्यतीत किये और उसकी दीवारों पर अपनी नई कविता लिखकर उसको याद करके फिर मिटा कर अपने साहित्य का सृजन किया।

उन्हें जब अंदमान ले जाया जा रहा था तो समुद्री जहाज के बाथरूम के नीचे से जैसे तैसे समुद्र में छलांग लगा दी। 17 किलोमीटर तैरकर जब वह किनारे पहुंचे तो फ्रांस की धरती थी। फ्रांस की सरकार ने उन्हें पकड़कर अग्रेंजों को सौंप दिया। यह विश्व के इतिहास का एकमात्र उदाहरण है कि कोई देश भक्त इस प्रकार समुद्र में तैरकर बाहर निकला हो।

शान्ता कुमार ने कहा कि अग्रेंजो ने 1857 के स्वतन्त्रता सग्रांम को सिपाही विद्रोह कह कर दबाने की कोशिश की थी। । इस सम्बन्ध में उन्होंने खोजपूर्ण पुस्तक लिखी और लन्दन में इण्डिया हाउस पुस्तकालय का उपयोग करके ज्यों ही पुस्तक पूरी की तो अग्रेंज हुकूमत को इसकी भनक लग गई और उसने तुरन्त पुस्तक छपने पर प्रतिबधं लगा दिया। मैडम कामा की मदद से यह पुस्तक हॉलैण्ड में छपकर फ्रांस में पहुंची और उसके बाद भारत में पहुंची। यह भी विश्व इतिहास का एकमात्र उदाहरण है कि किसी लेखक की पुस्तक पर छपने से पहले प्रतिबधं लगा हो। 1857 के हजारों देशभक्तों के उस ऐतिहासिक प्रयास को स्वतन्त्रता का प्रथम संग्राम सिद्व करने का ऐतिहासिक काम वीर सावरकर ने किया।

यह भी पढ़ें – ऐसे दबोचे गए पांच मवेशी तस्कर, 99 मवेशी कराए गए मुक्त

उन्होंने कहा कि मैंने क्रान्तिकारी इतिहास का गहरा अध्ययन किया है और उस पर एक पुस्तक भी लिखी है। अपनी पुस्तक की भूमिका लेने के लिए मैं वीर सावरकर को मुबंई में मिला था। पूरे क्रान्तिकारी इतिहास में राहुल गांधी के आरोप का कोई प्रामाणिक वर्णन नहीं है। कई बार सोची समझी योजना के अनुसार क्रान्तिकारी ऐसे पत्र लिखते थे-जेल से निकलते थे और फिर गुप्त क्रान्तिकारी आन्दोलन में शामिल हो जाते थे। कई बार क्रान्तिकारी आन्दोलन को बदनाम करने के लिए भी सरकार इस प्रकार के पत्रों का समाचार पत्रों में जिक्र करती थी। शान्ता कुमार ने कहा कि यदि राहुल गांधी देश से क्षमा याचना नहीं करते तो उनकी भारत जोड़ो यात्रा भारत अपमान यात्रा बन जायेगी।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.