प्रॉपर्टी कार्डः बैंक बुलाकर देंगे लोन, गांव में जिंदगी होगी आसान

फिलहाल उत्तर प्रदेश के 346 , हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100 , उत्तराखंड के 50 और मध्य प्रदेश के 44 गांवों के लोगों के कार्ड बनाए गए हैं। हालांकि महाराष्ट्र में प्रोपर्टी कार्ड के लिए शुल्क चुकाना पड़ेगा। इसलिए यहां इसकी भौतिक प्रति उपलब्ध होने में एक महीना का समय लगेगा। महाराष्ट्र को छोड़कर अन्य राज्यों में इसे फिजिकली प्राप्त किया जा सकता है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना की शुरुआत करते हुए एक लाख से ज्यादा लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड वितरित किया। मोबाइल फोन पर एसएमएस के जरिए भेजे गए लिंक से इसे बहुत ही आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। इसकी शुरुआत तो प्राइम मिनिस्टर ने कर दी है लेकिन वास्तव में इन कार्डों को लोगों तक पहुंचाने का काम राज्य सरकार का है।

इन राज्यों के गांवों के बनाए गए कार्ड
फिलहाल, उत्तर प्रदेश के 346 , हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100 , उत्तराखंड के 50 और मध्य प्रदेश के 44 गांवों के लोगों के कार्ड बनाए गए हैं। हालांकि महाराष्ट्र में प्रॉपर्टी कार्ड के लिए शुल्क चुकाना पड़ेगा। इसलिए यहां इसकी भौतिक प्रति उपलब्ध होने में एक महीने का समय लगेगा। महाराष्ट्र को छोड़कर अन्य राज्यों में इसे फिजिकली प्राप्त किया जा सकता है।

क्या है स्वामित्व योजना?
केंद्र सरकार ने इस योजना को राष्ट्रीय पंचायती दिवस 24 अप्रैल 2020 के दिन लॉन्च किया था। पंचायती राज मंत्रालय ही इस योजना को लागू करनेवाला नोडल मंत्रालय है। राज्यों में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए राजस्व विभाग कार्यरत है। इसमें प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाता है और इसके लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली जाती है। इस काम की देखरेख के लिए सर्वे ऑफ इंडिया नोडल एजेंसी है।

योजना का उद्देश्य
ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनों का सीमांकन ड्रोन सर्वे टेक्नोलॉजी से करवाना इसका मूल मकसद है। इससे ये फायदा होगा कि ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों के घरों के मालिकाना हक का रिकॉर्ड बन जाएगा। इसका उपयोग वे बैंक से कर्ज लेने के आलावा अन्य कामों के लिए भी आसानी से कर सकेंगे।

योजना इस तरह से करेगी काम
दरअसल स्वामित्व योजना के तहत गांवों की आवासीय भूमि की पैमाइश ड्रोन के माध्यम से सरकार द्वारा कराई जाएगी। इसके बाद ड्रोन से गांवों की सीमा के भीतर आनेवाली हर प्रॉपर्टी का डिजिटल नक्शा तैयार किया जाएगा। यही नहीं, हर घर की सीमा भी तय करने का काम किया जाएगा। मतलब कौन-सा घर कितने क्षेत्र में है, इसका पता ड्रोन टेक्नोलॉजी से सटीक रुप से लगाया जाएगा। गांव के हर घर का प्रॉपर्टी कार्ड बनाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

ये होंगे लाभ
– संपत्ति के मालिक को उसका मालिकाना हक मिलेगा
– कोई व्यक्ति कितनी संपत्ति का मालिक है, यह सुनिश्चित होने के बाद उसके दाम आसानी से तय किए जा सकेंगे
– इस कार्ड का उपयोग बैंकों से लोन लेने में किया जा सकेगा
– पंचायत स्तर पर टैक्स व्यवस्था में सुधार में पारदर्शिता आएगी

योजना लाएगी ऐतिहासिक परिवर्तन – पीएम नरेंद्र मोदी
इस कार्ड का वितरण करते हुए पीएम मोदी ने कहा, गांव के कितने ही नौजवान हैं, जो अपने दम पर कुछ करना चाहते हैं, लेकिन घर होते हुए भी उन्हें घर के नाम पर बैंकों से कर्ज मिलने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्वामित्व योजना के तहत बने प्रॉपर्टी कार्ड को दिखाकर, बैंकों से आसानी से कर्ज लेना संभव हो गया है। आज आपके पास एक अधिकार है, एक कानूनी दस्तावेज है कि आपका घर आपका ही है, आपका ही रहेगा। योजना हमारे देश के गांवों मे ऐतिहासिक परिवर्तन लाएगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान में आज देश ने एक बड़ा कदम उठाया है। स्वामित्व योजना, गांव में रहनेवाले भाई-बहनो को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करेगी। गांवों को हम उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते।

योजना को जय प्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख से जोड़ा
पीएम ने कहा, “आज दो-दो महापुरुषों की जयंती है। एक भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की और दूसरे भारत रत्न नानाजी देशमुख की। जय प्रकाश बाबू ने जब संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया, बिहार की धरती से जो आवाज उठी, जो सपने जयप्रकाश जी ने देखे थे, उस सपने की ढाल बनकर नानाजी देशमुख ने काम किया। नानजी कहते थे कि जब गांव के लोग विवादों में फंसे रहेंगे तो न उनका अपना विकास होगा और न समाज का। इससे समाज में बंटवारा होगा। मुझे विश्वास है कि स्वामित्व योजना हमारे गांवों में अनेक विवादों को खत्म करने में मददगार साबित होगी।

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