एमपी चुनाव : सियासत में जुबान और जान दोनों की गरिमा गिरी

चुनाव प्रचार की इस समय आंधी चल रही है, जिसमें धन, बल सब पानी जैसे बह रहा है। लेकिन मानवता इतनी गिर जाएगी ये पता नहीं था। मंच सजा रहा, स्वागत, भाषण और दावे के बीच मौत आई और बुजुर्ग के प्राणों को लेकर चली गई। जो नेता जीवन संवारने, समाज सुधारने के दावे कर रहे थे उनके सामने बैठा बुजुर्ग कुर्सी पर पत्थर हो गया था।

111

राजनीति कभी-कभी इतनी निष्ठुर हो जाती है कि मानवता को मलिन कर देती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की रैली में जीवन ज्योति बुझ गई और नेता मंच सजाए भाषण देते रहे। दूसरी घटना नारी सम्मान को ठेस पहुंचानेवाली घटी, जब कमलनाथ ने बहन को ही ‘आइटम’ कह दिया। रविवार के दिन एमपी में घटी दोनों घटनाओं ने सियासत के खेल में जुबान और जान को बौना साबित कर दिया है।

मौत आई और बुजुर्ग के प्राणों को लेकर चली गई
चुनाव प्रचार की इस समय आंधी चल रही है, जिसमें धन, बल सब पानी जैसे बह रहा है। लेकिन मानवता इतनी गिर जाएगी ये पता नहीं था। मंच सजा रहा, स्वागत, भाषण और दावे के बीच मौत आई और बुजुर्ग के प्राणों को लेकर चली गई। जो नेता जीवन संवारने, समाज सुधारने के दावे कर रहे थे उनके सामने बैठा बुजुर्ग कुर्सी पर पत्थर हो गया था। उस बुजुर्ग को स्वास्थ्य सुविधा भी न मिल पाई, निर्जीव शरीर को मिला तो कुर्सी का सहारा और मांग कर लाया गया गमछा। नेताओं ने जब इसकी चिंता नहीं की तो वहां सुरक्षा में मौजूद पुलिस बल को इसकी सुध कहां। वो तो जिंदों की सुरक्षा में थी, सो निढाल शरीर की चिंता क्यों करे? ये वही मध्य प्रदेश पुलिस है, जो चार दिन पहले चाकू से लहू-लुहान युवक को खड़ा करके रिपोर्ट लिखते रही और युवक शरीर में धंसा चाकू लेकर आपबीती सुनाता रहा।

कांग्रेस के कारनामे भी कुछ कम नहीं
बुजुर्ग की मौत पर प्रचार के तांडव का आरोप भले ही बीजेपी पर लगा हो लेकिन कांग्रेस के कारनामे भी कुछ कम नहीं हैं। एमपी प्रदेश कांग्रेस के कर्ताधर्ता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जनता को रिझाने के लिए महिला सम्मान की परिभाषा ही भूल गए। कल तक जिस विधायक को इमरती बहन कहते थे, उस विधायक के बीजेपी में प्रवेश के बाद वो कमलनाथ को ‘आइटम’ नजर आने लगी हैं। इमरती देवी डबरा विधान सभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी हैं। उनके विरुद्ध कांग्रेस से सुरेश राजे चुनाव मैदान में हैं। कमलनाथ सुरेश राजे के समर्थन में चुनाव प्रचार करने गए थे।

पत्थर बन गया बुजुर्ग
इसी प्रकार ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा खंडवा में थी। ये सीट कांग्रेस की झोली में थी लेकिन विधायक जी महाराज के मित्र थे, सो महाराज के डोले के साथ वो भी हो लिए। सीट रिक्त होने के बाद चुनाव आयोग यहां उपचुनाव करा रहा है। इस रैली में महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया को सुनने उनकी प्रजा जुटी थी। उसी भीड़ का हिस्सा था, चांदपुर गांव का ७० साल का जीवन सिंह। प्रचार सभा के दौरान जीवन को हृदयाघात हुआ और वो कुर्सी पर पत्थर बन गया। लेकिन प्रचार चलता रहा। आस पास के लोग भी आगे निकल गए, आखिर दूसरे की झंझट में कौन पड़े?

28 सीटों पर होने हैं चुनाव

एमपी में 28 सीटों पर चुनाव होना है। जिसके लिए प्रचार की सरगर्मी बढ़ी हुई है। नेता अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना चाह रहे हैं। बीजेपी के लिए सत्ता काबिज रखने और बेदखल होने की लड़ाई है तो दूसरी तरफ कांग्रेस अंतरद्रोह से सरकार गिरने के आक्रोश को मरहम लगाने की कोशिश कर रही है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.