पटना में एकता की बात, बंगाल में ममता का घात, विपक्षी एकजुटता का क्या होगा हश्र?

23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई। विपक्ष के अधिकांश नेता बैठक में शामिल भी हुए। सभी ने भाजपा के खिलाफ जी भरकर बातें कीं। लेकिन दो-तीन दिन में ही विपक्ष अपनी डफली अपना राग अलापती नजर आ रहा है।

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मिशन 2024 लोकसभा चुनाव के तहत देश की विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुट होने का प्रयास कर रही हैं। इस बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके अगुआ बने हैं। इसी उद्देश्य से नीतीश कुमार ने काफी मेहनत कर और जुगत से 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई और विपक्ष के अधिकांश नेता बैठक में शामिल भी हुए। सभी ने भाजपा के खिलाफ जी भरकर बातें कीं। साथ ही विपक्ष की एकजुटता की भी खूब राग अलापा। लेकिन दो-तीन दिन में ही विपक्ष अपनी डफली अपना राग अलापती नजर आ रहा है।

बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए चरम पर प्रचार
दरअसल इन दिनों पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का जोर है। सभी प्रमुख पार्टियां चुनाव प्रचार में एड़ी-चोटी एक कर रही हैं। राजनीतिक हत्याओं का दौर भी जारी है। ममता दीदी के राज में 19 दिन में 12 हत्याएं हो चुकी हैं और आगे भी इस तरह के कांड पर रोक लगने की गुंजाइश नहीं है। पंचायत चुनाव प्रचार में बड़े-बडे नेता तो छोड़िए खुद ममता बनर्जी मैदान में उतर रही हैं। इसी क्रम में उनका सामना भाजपा के साथ ही कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी से भी हो रहा है। इसलिए जिस ममता ने पटना में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता का सुर अलापा था, वही अब बंगाल में कांग्रेस और कम्यूनिस्ट की हवा निकालने में जुट गई हैं।

कांग्रेस और माकपा पर साधा निशाना
ममता बनर्जी ने 26 जून को पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी की बखिया उधेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ीं। मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख ने कहा कि वे तो विपक्षी बैठक की कोशिश कर रही हैं, लेकिन कांग्रेस और माकपा भाजपा के साथ मिलकर उनकी कोशिश को कमजोर कर रही हैं।

भाजपा के साथ ही कांग्रेस की भी करो विदाईः ममता बनर्जी
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि बंगाल में मैं इस अपवित्र जोड़ को सफल नहीं होने दूंगी। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस, माकपा और भाजपा को विदाई करो और टीएमसी को वोट दो। उन्होंने कहा कि एकजुटता की बात दिल्ली में होगी और बंगाल में सत्ता हम संभालेंगे।

10 दिनों में दो बार कांग्रेस पर हमला
पिछले 10 दिनों में ममता बनर्जी कांग्रेस पर दो बार निशाना साध चुकी हैं। वे कांग्रेस पर भाजपा के साथ मौन समझौता का आरोप लगाकर मतदाताओं को टीएमसी को वोट देने की अपील कर रही हैं। स्पष्ट है कि ममता बनर्जी बंगाल में किसी भी पार्टी के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहती हैं और पंचायत, विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव तक विरोधियों को अपने सामने टिकने नहीं देना चाहती हैं।

कांग्रेस का पलटवार
हालांकि बंगाल में कांग्रेस भी चुप नहीं है और ममता बनर्जी पर हमला करने से बाज नहीं आ रही है। पार्टी के ईकाई अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में टीएमसी की विश्वसनीयता पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। चौधरी ने कहा कि 12 वर्ष बाद पंचायत चुनाव के लिए मैदान में उतरना ममता बनर्जी की मजबूरी को दर्शाता है। उन्हें यह बात समझ में आ गई है कि बिना उनके मैदान में उतरे पार्टी की नैया पार नहीं लगेगी। चौधरी ने कहा कि पहले से ही, चुनाव हिंसा से प्रभावित हैं, हर दिन मीडिया में भी हिंसा की खबरें आ रही हैं, इसलिए हम इससे इनकार नहीं कर सकते।

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