महाराष्ट्र के 34 जिलों में 12 हजार 711 ग्राम पंचायतों में कराए गए मतदान के नतीजे घोषित किए जा रहे हैं। राजनैतिक रुप से इसके नतीजे काफी महत्वपूपर्ण माने जा रहे हैं।। यह एक तरह से राज्य में सीएम की कुर्सी की लड़ाई के बाद बने नये और ऐतहासिक गठबंधन का लिटमस टेस्ट है। इससे जहां यह पता चलेगा कि महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद मतदाताओं के रुख में क्या बदलाव आया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए भी इसके नतीजे काफी महत्वपूर्ण हैं। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि राज्य में बीजेपी का राजनैतिक भविष्य क्या हो सकता है।
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सीएम की कुर्सी के लिए तोड़ी दोस्ती
2014 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी(105) बनकर उभरी थी। लेकिन राजनीति में कुछ भी संभव है, कहावत को चरितार्थ करते हुए शिवसेना ने सीएम की कुर्सी के लिए बीजेपी से वर्षों की दोस्ती तोड़ ली और एनसीपी तथा कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार स्थापित कर ली। उसके बाद से दोनों पार्टियों में वर्चस्व की लड़ाई जारी है। इस ग्राम पंचायत चुनाव के नतीजे यह साबित करेंगे कि महाराष्ट्र की जनता किसके साथ है?
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15 जनवरी को हुआ मतदान
बता दें कि पिछले एक महीने से ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर मची गहमागहमी खत्म हो गई थी और 15 जनवरी को मतदाताओं ने अपने मतों का दान कर उम्मीदवारों कि किस्मत ईवीएम में कैद कर दी थी। राज्य के 34 जिलों के 12 हजार 711 ग्राम पंचायतों में एक अनुमान के तहत 79 प्रतिशत मतों का प्रयोग किया गया। 18 जनवरी, सुबह सात बजे से मतों की गिनती के साथ ही उम्मीदवारों के भविष्य तय किए जा रहे हैं। फिलहाल जो नतीजे आए हैं, उनमें शिवसेना समर्थित उम्मीदवार पहले नंबर पर है। दूसरे नंबर पर बीजेपी, तीसरे नंबर पर एनसीपी और चौथे नंबर पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार हैं। मनसे को मात्र 15 सीटें मिल पाई हैं।
18 जनवरी दोपहर तक के नतीजे
भाजपा 975
शिवसेना 1092
कांग्रेस 683
राष्ट्रवादी 998
मनसे 15
अन्य 1102