वाह रे नवाब भाई, सुबह जो बोला रात में कर डाला! राजनीतिक राडा में वो चढ़ गया हत्थे

महाराष्ट्र में कोरोना का तांडव जारी है। अस्पताल में मरीज संक्रमण से जीवन-मरण की लड़ाई लड़ रहे हैं तो सत्ता के गलियारों में नेताओं का राडा चल रहा है।

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शनिवार को दिन चढ़ते शुरू हुई रेमडेसवीर इंजेक्शन की कमतरता का मुद्दा दिन चढ़ते गरमाने लगा था। कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने खुले तौर पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने रेमडेसवीर निर्माता कंपनियों को धमकी दी है। उनके आरोपों का उत्तर केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने भी दिया। लेकिन नवाब भाई ने एक बात कही थी कि यदि इंजेक्शन नहीं मिला तो रेमडेसवीर बनानेवाली 16 कंपनियों के निर्यातकों के माल को जब्त करना होगा तो रात होते ही एक कंपनी के निदेशक को पुलिस थाने उठा लाई। इसके बाद भाजपा के नेता पुलिस थाने पहुंचे और देर रात तक ही ब्रूक फार्मा के निदेशक को पुलिस थाने से निकाल पाए।

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कोरोना बेअंदाजी से महारास्ट्र में बढ़ रहा है। प्रतिदिन संक्रमित लोगों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं पर भयंकर दबाव बढ़ा है। अस्पताल में बिस्तर, ऑक्सीजन और रेमडेसवीर के इंजेक्शन को लेकर लोग भटक रहे हैं। ये दर्द सत्ता के गलियारों को भी सता रहा है। लेकिन उसके निदान के बदले सत्ताधारी भी विपक्ष की तरह आरोप लगाने में लग गए हैं। यही हुआ शनिवार की रात जब विलेपार्ले पुलिस राजेश डोकानिया नामक ब्रूक फार्मा के निदेशक को थाने पकड़ लाई।

इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर, विधायक प्रसाद लाड, पराग अलवाणी विलेपार्ले पुलिस थाने पहुंचे। आधी रात में नेताओं ने पुलिस उपायुक्त से भेंट की और उन्हें महाराष्ट्र एफडीए और गुजरात एफडीए, केंद्र सरकार की अनुमतियां दिखाई तो पुलिस थाने से ब्रूक फार्मा के निदेशक को मुक्ति मिली।

बात ये थी
डीसीपी कार्यालय से निकलने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने पूरी बात मीडिया से साझा की।

श्री प्रवीण दरेकर विरोधी पक्ष नेता और विधायक प्रसाद लाड दमन गए थे। ब्रूक फार्मा कंपनी में जाकर उन्होंने महाराष्ट्र को रेमडेसवीर दें इसकी विनंती की थी। कंपनी की से ओर कहा गया कि यदि हमें अनुमति मिलती है तो हम पूरा स्टॉक महाराष्ट्र को देने को तैयार हैं। इसके बाद मैं स्वत: केंद्रीय मंत्री से मिला उनसे बोला ये निर्यातक हैं इसलिए उन्हें हमें अनुमति देनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि मैं रेड्डी से टाइअप करा देता हूं। उस लाइसेंस पर उन्हें इसकी अनुमति है। आज जो भी माल उनके पास है वो माल वे दे सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें हमारे एफडीए और गुजरात के एफडीए की अनुमति चाहिए थी। वो सब अनुमति हमने प्राप्त करके दे दी है। इसका हमारे पास कागज है और दोपहर के समय मंत्री के ओएसडी ने फोन करके उन्हें धमकी दी। वे बोले ऐसे कैसे तुम फडणवीस के कहने पर और प्रवीण दरेकर के कहने पर दे रहे हो। रात में नौ बजे हमें मैसेज आया कि नौ पुलिस वाले उनके घर गए और उन्हें यहां उठा लाए। इसलिए हम यहां आए। डीसीपी ऐसा कह रहे हैं कि एफडीए ने ऐसा पत्र जारी किया है ऐसा हमें पता ही नहीं है। लेकिन इसमें जो कुछ दिख रहा है वो ये कि ये कैसी राजनाति है? हम भागदौड़ करके महाराष्ट्र को औषधि मिले इसके लिए प्रयत्न कर रहे हैं। विशेषकर केंद्रीय मंत्री मनसुख भाई मांडविया ने ब्रूक फार्मा को कहा कि आप अपना अधिकतर माल महाराष्ट्र को दो। अब यहां महाराष्ट्र को माल देने का समय आया तो उन्हें यहां बैठा लिया। उन्हें अब छोड़ दिया है।

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