70 के पार फिर भी राजनीति के स्टार, इन10 नेताओं का चुनाव 2024 में दिखेगा जलवा

वर्तमान में देश के महत्वपूर्ण पदो पर बैठे कई राजनेताओं की उम्र 70 के पार है। इस उम्र में भी देश की राजनीति के केंद्र बने हुए हैं।

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देश में नौकरशाहों और अन्य नौकरी पेशा अधिकारियों-कर्मचारियों के सेवामुक्त होने की उम्र 60 वर्ष के आसपास निश्चित है। इस उम्र के बाद उन्हें अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया जाता है। लेकिन राजनीति का क्षेत्र ऐसा है, जहां सेवानिवृत्ति की कोई उम्र नहीं होती

है। सच कहें तो इस उम्र में ही नेताओं में परिपक्वता आती है। इस उम्र में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं। अधिकांश मामलों में ऐसा देखने को मिलता है।

वर्तमान में देश के महत्वपूर्ण पदो पर बैठे कई राजनेताओं की उम्र 70 के पार है। इस उम्र में भी देश की राजनीति के केंद्र बने हुए हैं। देश में इस समय सक्रिय राजनीति में सबसे अधिक उम्र के नेता फारुख अब्दुला हैं। दूसरे नंबर पर राजनीति के चाणक्य नाम से मशहूर महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार हैं। उनकी उम्र 82 वर्ष है। इनके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आता है। खरगे की उम्र 81 वर्ष है।

इन वयोवृद्ध नेताओं के साथ ही कई ऐसे नेता हैं, जो 70 के पार हैं। इसके बावजूद वे राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हैं और देश की वर्तमान राजनीति उनके आसपास घुमती है। स्वाभाविक है, 2023 के पांच राज्यों के चुनाव के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इनका पूरा-पूरा प्रभाव दिखेगा।

आइए ऐसे देश के 10 नेताओं के बारे में जानते हैंः

नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता हैं। उनकी उम्र 73 वर्ष है। देश ही नहीं, कई वर्षों से वे विश्व के सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता बने हुए हैं। रेटिंग कंपनियों की रिपोर्ट में देश-विदेश का कोई भी नेता उनके आसपास नहीं है। 13 वर्षों तक गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद देश की राजनीति में करिश्मा करते हुए 2014 में देश के 14वे प्रधानमंत्री बने। 2019 में भी उनका करिश्मा बरकार रहा और भाजपा ने 303 सीटों पर और एनडीए ने कुल 353 सीटों पर जीत हासिल की। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी फिर से अपने दूसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। अब 2024 के लोकसभा चुनाव होने हैं और इस बार भी भाजपा की सरकार बनने की उम्मीद है।

लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले
बिना थके, बिना रुके काम करने वाले देश के प्रधानमंत्री के बारे में ऐसा कभी नहीं सुना गया कि वे गंभीर रूप से अस्वस्थ हैं। अपने स्वास्थ्य पर वे काफी ध्यान देते हैं और व्यायाम,प्रणयाम तथा ध्यान उनकी दिनचर्या में शामिल हैं। उनके कार्यकाल में राम मंदिर निर्माण सहित, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और तीन तलाक पर कानूनन रोक लगाने जैसे कई ऐतिहासक फैसले लिए गए। वर्तमान राजनीति परिस्थिति को देखते हुए मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनने के संयोग बनते दिख रहे हैं।

शरद पवार
देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार 82 साल के हैं। इस उम्र में भी वे राजनीति में काफी सक्रिय हैं और दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं। हालांकि वर्तमान में उनकी पार्टी दो गुटों में बंट गई है। उनके भतीजे अजीत पवार ने पार्टी के 40 से अधिक विधायकों को तोड़कर बगावत कर दी और वे शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। फिलहाल वे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं। ऐसा समय किसी भी पार्टी के संस्थापक के लिए काफी मुश्किलभरा होता है। लेकिन राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार बिना किसी अफसोस के अपनी पार्टी के फिर से खड़ा करने में लगे हैं।

कैंसर को दी मात
2004 का साल पवार के लिए काफी मुश्किल भरा रहा। उनका माउथ कैंसर काफी गंभीर हो गया था। इस कारण उसका ऑपरेशन करना पड़ा। कैंसर मुंह में काफी फैल चुका था, इस कारण ऑपरेशन और उपचार में काफी मुश्किलें आईं। लेकिन अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण वे कुछ ही दिनों में चुनाव प्रचार में उतर आए। माउथ कैंसर के कारण खाने और बोलने में दिक्कत होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। फिलहाल उनकी पार्टी विपक्ष के गठबंधन आईएनडीआईए का महत्वपूर्ण हिस्सा है और उनकी नजर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर टिकी हुई है।

मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे वर्तमान में 82 वर्ष के हैं। इस उम्र में भी वे काफी सक्रिय हैं। यही कारण है कि अक्टूबर 2022 में पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर बड़ा दांव खेला। 19 साल बाद कोई गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता के हाथ में कांग्रेस की कमान सौंपी गई।

दो प्रदेशों में मिली बड़ी जीत
मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में नवंबर 2022 और कर्नाटक में मई 2023 में हुए चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है। इन दोनों ही प्रदेशों में भाजपा की सरकारें थीं, लेकिन विधानसभा चुनावों में भगवा पार्टी को बड़ा झटका लगा और कांग्रेस ने उसे करारी शिकस्त देते हुए बहुमत हासिल की। इस कारण कांग्रेस के साथ ही खरगे के हौसले भी बुलंद हैं। उनकी नजर इसी वर्ष नवंबर-दिसंबर मे पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले चुनाव पर लगी है। साथ ही 2024 में भी पार्टी को अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।

सोनिया गांधी
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और पार्टी हाई कमान सोनिया गांधी 76 वर्ष की हैं। हालांकि स्वास्थ्य कारणों से राजनीति में उनकी सक्रियता कम हुई है और वे चुनावों में भी कम सक्रिय रहती हैं, लेकिन पार्टी के हर महत्वपूर्ण फैसले पर उनकी मुहर लगनी जरुरी होती है। वे पार्टी की हाई कमान हैं और पार्टी के सभी विवादों को सुलझाने में अहम भूमिका होती है। कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में सोनिया गांधी 22 साल तक यानी सबसे अधिक वर्षों तक पार्टी अध्यक्ष रहीं। उनकी गिनती एक सुलझी हुई राजनेता के रूप में होती है। वे वर्तमान में रायबरेली की सांसद हैं। 2024 में एक बार फिर वे इस संसदीय क्षेत्र से किस्मत आजमा सकती हैं। उनकी पार्टी कांग्रेस विपक्ष के गठबंधन आईएनडीआईए का महत्वपूर्ण हिस्सा है

राजनाथ सिंह
आरएसएस कैडर के नेता और वर्तमान में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 72 साल के हैं। आज भी वे पूरी तरह फिट हैं। वे भाजपा के दिग्गज नेता हैं और पार्टी को इस मुकाम पर पहुंचाने में उनकी अहम भूमिका है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष( 2013 से 2014 तक) और केंद्र में गृह मंत्री जैसे पद संभाल चुके राजनाथ सिंह का उत्तर प्रदेश में भाजपा को जीत दिलाने में काफी अहम भूमकि रही है। वे दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। भाजपा को इस ऊंचाई तक पहुंचाने में पीएम मोदी के अलावा राजनाथ सिह का भी अहम योगदान है।

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इन नेताओं का भी जलवा बरकरार
इनके आलावा आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव 75 साल, बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के दिग्गज नेता नीतीश कुमार 72 साल, राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत 72 साल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन 72 साल, नेशनल कॉनफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुला भी 86 साल के हैं। वर्तमान में देखें तो फारुक अब्दुला सबसे अधिक उम्रदराज नेता हैं। वे इस उम्र में राजनीति में काफी सक्रिय हैं।

लोगों के लिए प्रेरणास्रोत
ये सभी दिग्गज नेता उन लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो 60 साल पहुंचते ही अपने आप को उम्रदराज मानने लगते हैं। वे आगे का पूरा जीवन बिना कोई काम किए आराम से बिताना चाहते हैं। इन नेताओं को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि 60 साल के बाद भी जीवन में करने को काफी कुछ होता है। इसके बाद भी अपनी पसंद के क्षेत्र में काम करके अपने जीवन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।

महेश सिंह

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