चुनाव अधिकारी नहीं बन सकते दिव्यांगः हाई कोर्ट

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी शारीरिक तौर पर अक्षम सरकारी शिक्षकों को चुनाव की ड्यूटी में लगाने के लिए पत्र भेजे गए थे, तब भी विरोध हुआ था।

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कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि पंचायत चुनाव के दौरान किसी भी दिव्यांग कर्मचारी को चुनाव अधिकारी नहीं बनाया जाएगा। राज्य के सरकारी शिक्षकों के संगठन की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि जो लोग शारीरिक तौर पर अक्षम हैं उन्हें चुनाव में पोलिंग अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है।

80 फीसदी दिव्यांग को भी भेजा गया था पत्र
मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की खंडपीठ ने कहा कि पंचायत चुनाव के काम में दिव्यांग कर्मचारियों को पोलिंग अधिकारी के तौर पर नियुक्त नहीं किया जा सकेगा। दरअसल इसके पहले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी शारीरिक तौर पर अक्षम सरकारी शिक्षकों को चुनाव की ड्यूटी में लगाने के लिए पत्र भेजे गए थे, तब भी विरोध हुआ था। इस बार भी जो लोग 60-70 और यहां तक कि 80 फ़ीसदी तक शारीरिक तौर पर अक्षम हैं उन्हें भी चुनावी ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण हेतु पत्र भेजा गया है। इसके खिलाफ जिला प्रशासन के पास आवेदन किया गया था। लेकिन मामले में बहुत सकारात्मक कदम उठने की उम्मीद नहीं दिख रही थी। बाद उतरता हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी।

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