UP ATS ने सोनौली बार्डर से तीन आंतकियों को ऐसे दबोचा, दो पाकिस्तानी भी शामिल

भारत नेपाल से दो पाकिस्तान के नागरिकों सहित तीन आतंकियों को 3 अप्रैल की शाम गिरफ्तार किया है। कुछ पाकिस्तानी नागरिक,पाकिस्तानी खुुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले हैं। इस तरह की खबर मिली थी।

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UP ATS: उत्तर प्रदेश एटीएस की गोरखपुर इकाई(Gorakhpur Unit) ने भारत नेपाल (Sonauli Border) से दो पाकिस्तान(Pakistan) के नागरिकों सहित तीन आतंकियों(three terrorists) को 3 अप्रैल की शाम गिरफ्तार किया है। टीम ने तीनों के पास से दो मोबाइल फोन(mobile phone),एक मेमोरी कार्ड,दो पाकिस्तानी और एक भारतीय पासपोर्ट(Two Pakistani and one Indian passports),तीन आधार कार्ड,दो विमान का टिकट,पाकिस्तानी डीएल,दो पाकिस्तानी पहचान पत्र, विदेशी मुद्रा (इसमें भारतीय,बांग्लादेश, यूएस,नेपाल का मुद्रा) है। गिरफ्तार आतंकियों में एक आईएसआई(ISI) की मदद से हिज्ब-उल-मुजाहिद्दीन(Hizb-ul-Mujahideen) से जेहादी प्रशिक्षण(jihadi training) भी लिया है।

ऐसे दबोचे गए आतंकी
एटीएस के अफसरों के अनुसार उन्हें सूचना मिल रही थी कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक,पाकिस्तानी खुुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले हैं। ये लोग भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं। इस सूचना पर सक्रिय हुई गोरखपुर इकाई ने सर्विलांस और अन्य तरीकों से पता किया कि दो पाकिस्तानी भारत नेपाल सीमा के तटवर्ती गांव शेख फरेंदा होते हुए भारत में प्रवेश करने वाले हैं। टीम ने त्वरित गति से घेराबंदी कर तीन आतंकियों को दबोच लिया। इसमें रावलपिंडी पाकिस्तान निवासी मोहम्मद अलताफ भट,इस्लामाबाद पाकिस्तान निवासी सैयद गजनफर,नासिर अली निवासी जम्मू कश्मीर भारत है। एटीएस टीम ने कड़ाई से पूछताछ की तो मोहम्मद अलताफ ने बताया कि उसका जन्म कश्मीर में हुआ है।

पाकिस्तान में ली थी जिहाद की ट्रेनिंग
कारगिल युद्ध के बाद वह हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक आतंकी के साथ जिहाद की ट्रेनिंग लेने पाकिस्तान चला गया। पाकिस्तान में आईएसआई के देखरेख में हिजबुल मुजाहिद्दीन के मुजफ्फराबाद कैंप में प्रशिक्षण लिया। अलताफ के अनुसार आईएसआई कश्मीर स्थित आतंकी संगठन हिजबुल के साथ भारत में आतंक फैलाने के लिए भारतीय लोगों को अपने तंजीम से जोड़ रही है। हिजबुल का साहित्य पढ़कर अन्य जेहादी संगठनों के उस्ताद और अमीरों की तकरीर सुनकर वह आतंकी संगठन से प्रभावित हुआ।

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कमांडरों की देखरेख में किया काम
अलताफ के अनुसार उसने आतंकी कैंप में असलहों की ट्रेनिंग लेने के साथ वहां के कमांडरों की देखरेख में काम किया। अलताफ को हिजबुल के मुजाहिदों से हिदायत मिली थी कि खुफिया तौर पर नेपाल के रास्ते जम्मू-कश्मीर पहुंचे। वहां पहुंचने पर आगे की योजना बताई जाएगी। अलताफ को नेपाल में ही नासिर अली मिला। उसने उसे और सैयद गजनफर को फेक भारतीय आधारकार्ड उपलब्ध कराया। नासिर उसे सोनौली बार्डर के जरिए भारत ला रहा था। एटीएस के अफसरों के अनुसार तीनों के खिलाफ विधिक कार्रवाई हो रही है।

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