Tourist places of Delhi: यदि आप कर रहे हैं दिल्ली के प्रतिष्ठित स्थलों की खोज, तो पढ़ें यह खबर

दिल्ली आने वाला हर पर्यटक इसकी भव्यता को देखना चाहता है। 2007 में यूनेस्को ने लाल किले को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया था।

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Tourist places of Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में यदि आप कुछ दर्शनीय पर्यटन स्थलों की यात्रा करने की सोच रहे हैं, तो हम यहां दिल्ली के लाल किला, इंडिया गेट, जंतर मंतर, कुतुब मीनार, चांदनी चौक और कनॉट प्लेस (Red Fort, India Gate, Jantar Mantar, Qutub Minar, Chandni Chowk and Connaught Place) जैसे प्रमुख और प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में संक्षिप्त जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं, जिनसे आपका एक प्रारंभिक परिचय हो जाएगा।

लाल किला
पुरानी दिल्ली स्थित लाल किला अष्टभुजाकार एक इस्लामिक इमारत है। मुगलकाल में बना यह ऐतिहासिक किला लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है। लाल किला दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। दिल्ली आने वाला हर पर्यटक इसकी भव्यता को देखना चाहता है। 2007 में यूनेस्को ने लाल किले को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया था। मुमताज महल, रंग महल, खास महल, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, हमाम और शाह बुर्ज लाल किले के प्रमुख आकर्षक हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले पर भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने और भाषण देने की परंपरा है।

इंडिया गेट
इंडिया गेट दिल्ली का पहला दरवाजा माना जाता है। दिल्ली आने वाला हर पर्यटक इंडिया गेट जरूर पहुंचना चाहता है। इसका निर्माण प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में मारे गये भारतीय सैनिकों की याद में कराया गया था। इसकी नींव 1921 में ड्यूक ऑफ कनॉट ने रखी थी और इसके कुछ साल बाद तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इर्विन ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। राजपथ पर स्थित इंडिया गेट के अंदर अखंड अमर जवान ज्योति जलती रहती है। इसकी स्थापना 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की याद में की गई थी।

जंतर मंतर
दिल्ली का जंतर मंतर वैज्ञानिक दृष्टि से प्राचीन भारत की उन्नति का एक प्रमाण है। जंतर मंतर का निर्माण 1724 में सवाई जय सिंह द्वितीय ने कराया था। बताया जाता है कि मोहम्मद शाह के शासन काल में हिन्दू और मुस्लिम खगोलशास्त्रियों में ग्रहों की स्थित को लेकिर बहस छिड़ गई थी। इसे खत्म करने के लिए सवाई जय सिंह ने जंतर-मंतर का निर्माण करवाया। ग्रहों की गति नापने के लिए यहां विभिन्न प्रकार के उपकरण लगाए गए हैं। । दिल्ली का जंतर-मंतर समरकंद की वेधशाला से प्रेरित है।

कुतुब मीनार
दिल्ली का कुतुब मीनार भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। इसका निर्माण कुतुब-उद-दीन ऐबक और इल्तुमिश ने कराया था। बताया जाता है कि मूल रूप से यह मीनार सात मंजिल की थी। लेकिन वर्तमान में यह पांच मंजिल के रूप में ही मौजूद है। 72.5 मीटर ऊंची कुतुब मीनार में कुल 379 सीढ़ियां हैं। कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, अलई दरवाजा और इल्तुमिश का मकबरा भी यहां बना हुआ है। इस इमारत का नाम ख्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया।

चांदनी चौक
दिल्ली का चांदनी चौक थोक व्यापार का प्रमुख बाजार है। शाहजहां की पुत्री जहांआरा बेगम को चांदनी चौक के डिजाइन का श्रेय दिया जाता है। पतली गलियों वाला यह बाजार मुगलकाल का एक मुख्य व्यापारिक केंद्र था। चांदनी चौक बाजार में गाड़ी के बजाय पैदल चलकर मार्केटिंग सुविधाजनक होती है। देश के अन्य क्षेत्रों से दिल्ली आने वालों के गंतव्य स्थलों में चांदनी चौक का बाजार जरूर शामिल होता है।

कनॉट प्लेस
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित कनॉट प्लेस का नाम ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्य ड्यूक ऑफ कनॉट के नाम पर रखा गया था। इस मार्केट का डिजाइन डब्यू एच निकोल और टॉर रसेल ने बनाया था। कनॉट प्लेस आज भी मार्केटिंग का एक प्रसिद्ध बाजार केंद्र बना हुआ है। यहां कई अंतरराष्ट्रीय ब्रैंड के कपड़ों के शो रूम मौजूद हैं। कनॉट प्लेस किताबों की दुकानों के लिए जाना जाता है।

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