Surgical Strike: ईरान ने पाकिस्तान में आतंकियों पर फिर की कार्यवाई, जैश अल-अदल के कमांडर की मौत

अल अरेबिया न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जैश अल अदल आतंकी संगठन 2012 में उभरा। इस संगठन का मुख्य केंद्र ईरान के दक्षिण में सिस्तान बलूचिस्तान में है।

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Surgical Strike: ईरान (Iran) के सुरक्षा बलों (security forces) ने पाकिस्तानी क्षेत्र में आतंकवादी संगठन जैश अल-अदल के कमांडर इस्माइल शाह बख्श (Ismail Shah Baksh) और उसके कुछ सहयोगियों को मारने का दावा किया है। समाचार चैनल, ईरान इंटरनेशनल इंग्लिश ने देश की सरकारी मीडिया का हवाला देते हुए 24 फरवरी (शनिवार) सुबह यह खबर प्रसारित की। एक महीने पहले भी ईरान ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर जैश अल-अदल के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। जवाब में पाकिस्तान ने भी ईरान के इलाके में हवाई हमला किया।

अल अरेबिया न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जैश अल अदल आतंकी संगठन 2012 में उभरा। इस संगठन का मुख्य केंद्र ईरान के दक्षिण में सिस्तान बलूचिस्तान में है। पिछले कुछ सालों से जैश अल-अदल अक्सर ईरानी सुरक्षा बलों पर बड़े पैमाने पर हमले करता रहा है। इसके अलावा पिछले दिसंबर में जैश अल अदल ने सिस्तान बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में करीब 11 पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की जान चली गई।

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ईरानी सेना की कार्रवाई
पाकिस्तान और ईरान पिछले महीने एक-दूसरे की सीमाओं में घुसने वाले ‘आतंकवादी संगठनों’ के खिलाफ मिसाइल हमले शुरू करने के बाद सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर पारस्परिक रूप से सहमत हुए थे। दोनों देशों के बीच समझौते की घोषणा पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार के तत्कालीन विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी और उनके ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में की थी। दोनों देश अपने-अपने क्षेत्रों में आतंकवाद से लड़ने और एक-दूसरे की समस्याओं को हल करने पर सहमत हुए। लेकिन ईरानी सेना की हालिया कार्रवाई जिलानी के दावे का खंडन करती है।

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जैश अल-अदल के ठिकानों पर कार्यवाई
इस बीच इसी साल 16 जनवरी की देर रात ईरान ने पाकिस्तान सीमा पर जैश अल-अदल के दो ठिकानों को तबाह करने के लिए मिसाइल और ड्रोन हमले किए. पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि ईरान के हमले में दो लड़के मारे गए और तीन लड़कियां घायल हो गईं. पाकिस्तान ने 17 जनवरी को ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था और घोषणा की थी कि वह ‘अपनी संप्रभुता के घोर उल्लंघन’ का विरोध करते हुए ईरानी राजदूत को देश में लौटने की अनुमति नहीं देगा।

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