Patanjali Misleading Ad Case: SC ने बाबा रामदेव और पतंजलि का माफीनामा फिर खारिज किया, बालकृष्ण के साथ 30 अप्रैल को पेश होने का आदेश

सर्वोच्च न्यायालय ने पतंजलि को विज्ञापन का साइज बड़ा करने और माफीनामा को हाई लाइट करने के लिए कहा ताकि लोगों को समझ में आए।

57

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने एलोपैथिक दवाओं (Allopathic Medicine) के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन (Misleading Advertisement) देने के केस में बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और पतंजलि (Patanjali) का माफीनामा (Apology) फिर अस्वीकार (Rejection) कर दिया। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) को 30 अप्रैल को फिर सर्वोच्च न्यायालय में पेश होना होगा।

सर्वोच्च न्यायालय ने पतंजलि को विज्ञापन का साइज बड़ा करने और माफीनामा को हाई लाइट करने के लिए कहा ताकि लोगों को समझ में आए। सुनवाई के दौरान पतंजलि के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हमने 67 अखबारों में माफीनामा दिया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या अखबारों को दिया गया माफीनामा उतने ही साइज का है जितना बड़ा आप विज्ञापन देते हैं।

यह भी पढ़ें- SIPRI Report: 2023 में सैन्य खर्च करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश बना भारत, रिपोर्ट में अहम जानकारी

सर्वोच्च न्यायालय ने आज सुनवाई का दायरा बड़ा करते हुए कहा कि मामला सिर्फ एक संस्था (पतंजलि) तक सीमित नहीं रखा जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र से पूछा कि भ्रामक विज्ञापन के जरिए उत्पाद बेच कर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाली बाकी कंपनियों के खिलाफ उसने क्या कार्रवाई की है। कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से पूछा कि एलोपैथी डॉक्टर खास ब्रांड की महंगी दवाइयां अपने पर्चे में क्यों लिखते हैं।

डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का प्रावधान
सर्वोच्च न्यायालय ने नेशनल मेडिकल कमीशन से पूछा कि क्या जानबूझकर महंगी दवा लिखने वाले डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का प्रावधान है। सर्वोच्च न्यायालय ने हर राज्य की दवा लाइसेंसिंग ऑथोरिटी को भी मामले में पक्षकार बनाया है।

न्यायालय की अवमानना
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 10 अप्रैल और इससे पहले दो अप्रैल को भी माफीनामा अस्वीकार कर दिया था। जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि आपकी ओर से आश्वासन दिया गया और उसके बाद उल्लंघन किया गया। यह देश की सबसे बड़ी न्यायालय की अवमानना है और अब आप माफी मांग रहे हैं। यह हमें स्वीकार नहीं है। आप बेहतर हलफनामा दाखिल करें।

देखें यह वीडियो- 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.