ऑक्सफोर्ड में नस्लवादी अटैक : भारतीय छात्रा को अब ‘सर्वोच्च’ सहायता!

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी छात्र संघ की पहली भारतीय महिला छात्रा पर नस्लवादी टिप्पणी का मुद्दा संसद में पहुंच गया। इस मुद्दे पर उत्तर देते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने भारत सरकार की नीति को स्पष्ट किया है।

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ब्रिटेन में नस्लवाद का शिकार हुई ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की छात्रा रश्मि सामंत का मामला भारतीय संसद में गूंजा। इस मामले में विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने नस्लवाद को लेकर भारत सरकार की नीति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि हम नस्लवाद के मुद्दे पर अपनी आंख फेर नहीं कर सकते और हम इसके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

विदेश मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद अश्विनी वैष्णव द्वारा राज्य सभा में उठाए गए मुद्दे पर यह बात कही। वैष्णव ने सदन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक छात्रा रश्मि सामंत के मुद्दे को उठाया था। बता दें कि पिछले महीने भारतीय मूल की इस छात्रा को नस्लवाद का शिकार होना पड़ा था और इस वजह से उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी यूनियन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस मामले को रश्मि सामंत ने सोशल मीडिया पर भी उठाया था।

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नस्लवाद पर अपनी आंखें फेर नहीं सकते

एस. जयशंकर ने कहा कि, हम नस्लवाद के मुद्दे पर अपनी आंखें फेर नहीं सकते। यूके में भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध हैं। हमारा देश ब्रिटेन से वैचारिक और व्यापारिक दृष्टि से मजबूती से जुड़ा है। हम इस घटना पर गंभीरता से विचार करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर इसे सही मंच पर उठाएंगे। हम नस्लवाद और असहिष्णुता के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।

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भाजपा सांसद ने कही ये बात

भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी वैष्णव ने राज्य सभा में कहा कि, रश्मि सामंत ने “साइबरबुलिंग” का सामना किया।इस घटना से यह पता चलता है कि ब्रिटेन में उपनिवेशवाद और पूर्वाग्रह की जड़ें कितनी गहराई तक हैं। रश्मि सामंत ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्र संघ की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष बनने के लिए तमाम तरह की चुनौतियों को पार कर गईं। इसके लिए उनका सम्मान किया जाना चाहिए था, लेकिन उन पर नस्लवाद को लेकर साइबर हमला हुआ और उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा।

वैष्णव ने सदन में अपने बयान में मेगन मर्केल के इंटरव्यू का भी जिक्र किया और कहा कि इंटरव्यू बताता है कि ब्रिटेन में नस्लवाद किस तरह घर कर चुका है।

ये है मामला
बता दें कि हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की भारतीय छात्रा रश्मि सामंत ने स्टूडेंट यूनियन के प्रेसीडेंट का चुनाव लड़ा था और उन्हें तमाम तरह की चुनौतियों के बाद इस चुनाव में जीत हासिल हुई थी। लेकिन उनके द्वारा सोशल मीडिया पर अपने धर्म को लेकर पोस्ट करने के कारण उन्हें नस्लवाद का सामना करना पड़ा । मामला इतना बढ़ गया कि उन्हें शपथ से पहले ही पद से इस्तीफा देना पड़ा।

 

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