XpoSAT: नए वर्ष में इतिहास रचने को तैयार भारत, इसरो आज लॉन्च करेगा ‘एक्सपो सैटेलाइट’, जानें क्या है मिशन

नए साल के पहले दिन ही इसरो एक महत्वाकांक्षी मिशन लॉन्च करने जा रहा है। एक्सपोसैट उपग्रह आज सुबह 9:10 बजे लॉन्च किया जाएगा।

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File : Photo

चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) और आदित्य-एल1 (Aditya-L1) की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) नए साल 2024 में कई अंतरिक्ष मिशन लॉन्च (Space Mission Launch) करने जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, इसरो नए साल के पहले ही दिन एक अंतरिक्ष उपग्रह (Space Satellite) का परीक्षण करने जा रहा है। रविवार (1 जनवरी) इसरो पहले एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (X-Ray Polarimeter Satellite) के लॉन्च के साथ नए साल का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह उपग्रह ब्लैक होल (Black Hole) जैसे खगोलीय पिंडों के रहस्यों से पर्दा उठाएगा। इस मिशन की अवधि करीब पांच साल होगी। यह प्रक्षेपण अक्टूबर में गगनयान परीक्षण वाहन ‘डी1 मिशन’ (D1 Mission) की सफलता के बाद किया गया है। (XpoSAT)

खगोल विज्ञान के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है ब्लैक होल। भारत इस नए साल से ब्लैक होल जैसे खगोलीय पिंडों के रहस्य को उजागर करना शुरू कर रहा है। इसके लिए इसरो एक्सपोसैट मिशन चला रहा है। इसरो का पहला एक्स-रे पोलामीटर उपग्रह एक्सपोसैट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल सी 58 रॉकेट द्वारा केवल 21 मिनट में 650 किमी की ऊंचाई तक ले जाया जाएगा। यह इस रॉकेट का 60वां मिशन होगा। इस मिशन में एक्सोसैट के साथ 10 अन्य उपग्रहों को भी पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा।

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इस दौरान प्रसारण होगा
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-डीएल, जो एक्सोसैट और 10 अन्य उपग्रहों को ले जाएगा, के प्रक्षेपण की 25 घंटे की उलटी गिनती रविवार सुबह 8:10 बजे शुरू हुई। तदनुसार, इसका प्रसारण आज 1 जनवरी 2024 को सुबह 9:10 बजे किया जाएगा। 44.4 मीटर लंबा और 260 टन वजनी एक भारतीय रॉकेट पीएसएलवी-डीएल संस्करण कोडनाम पीएसएलवी-सी58, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से एक्सपोसैट और 100 टन वजन लेकर उड़ान भरेगा। लगभग 21 मिनट की उड़ान में रॉकेट लगभग 650 किमी की ऊंचाई पर एक्सोसैट की परिक्रमा करेगा।

नासा ने भी ब्लैक होल के रहस्यों में रुचि दिखाई है
इसरो के अनुसार, अंतरिक्ष-आधारित ध्रुवीकरण माप में खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अध्ययन करने के लिए यह अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अलावा, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोटों के अवशेषों, ब्लैक होल से निकले कणों की धाराओं और अन्य खगोलीय घटनाओं पर एक समान अध्ययन किया था। इसरो ने कहा कि एक्स-रे ध्रुवीकरण का अंतरिक्ष-आधारित अध्ययन अंतरराष्ट्रीय महत्व प्राप्त कर रहा है और EXPOSACT मिशन इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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