जानिये,काबुल हवाई अड्डे पर विस्फोट कराने वाला आईएसआईएस-के है कितना खतरनाक!

अमेरिका के साथ ही यूरोप के कई देशों ने भी काबुल हवाई अड्डे के पास हमले की चेतावनी दी थी और लोगों को इस हवाई अड्डे से दूर रहने की सलाह दी थी।

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अफगानिस्तान के काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए आत्मघाती हमले में 103 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट की अफगानिस्तान और पाकिस्तान शाखा आईएसआईएसआई-खोरासन ने ली है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि कट्टर तालिबान का अलकायदा और आईएसआईएस-के जैसे आतंकी संगठनों से टकराव बढ़ सकता है। इन आतंकी संगठनों के बीच पीढ़ीगत और सैद्धांतिक अंतर है। पिछले कई सालों में आतंकियों के बीच इस्लामिक स्टेट काफी लोकप्रिय हुआ है। इसका कारण यह है कि इस संगठन ने इराक और सीरिया में कुछ कट्टरपंथी जागीर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आईएसआईएस-के की रणनीति
अफगानिस्तान से अमेरिका के जाने के बाद आईएसआईएस-के अपने स्थानीय दुश्मन तालिबान को कमजोर करने की कोशिश में लग गया है। वॉशिंगन पोस्ट से बात करते हुए अमेरिकी मिलिट्री अकादमी में सहायक प्रोफेसर अमीरा जादून बताती हैं कि आईएसआईएस-के का मुख्य लक्ष्य अभी अफगानिस्तान में राजनीतिक तौर पर अपना अस्तित्व जमाना है। इसके लिए ये देश को अस्थिर और तालिबान को नाकाम करने की कोशिश करेगा।

इन देशों ने दी थी चेतावनी
बता दें कि अमेरिका के साथ ही यूरोप के कई देशों ने भी काबुल हवाई अड्डे के पास हमले की चेतावनी दी थी और लोगों को इस हवाई अड्डे से दूर रहने की सलाह दी थी। इसके बावजूद आईएसआईएस- के काबुल हवाई अड्डे पर हमला करने में कामयाब हो गया।

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तालिबान कर रहा रहा है मनाने का प्रयास
प्राप्त जानकारी के अनुसार तालिबान,आईएसआईएस-के के लड़ाकों को अपने साथ आने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन लगता नहीं है कि वह इस प्रयास में सफल होगा। इस स्थिति में तालिबान और आईएसआईएस-के के बीच एक लंबी लड़ाई चल सकती है।

खुंखार है आईएसआईएस-के
2021 के जनवरी और फरवरी में 47 हमलों की जिम्मेदारी इस संगठन ने ली है। 2017 में इस ग्रुप ने 100 और 2018 में 84 हमले की जिम्मेदारी ली थी। इससे यह स्पष्ट है कि आईएसआईएस-के अपना नेटवर्क बढ़ा रहा है। अब अमेरिका के जाने के बाद यह आतंकी संगठन अफगानिस्तान में हमले कर तालिबान को की परेशानी बढ़ाता रहेगा।

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