शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब बैन पर सर्वोच्च फैसला नहीं, ये है कारण

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के कर्नाटक सरकार के फैसले को बरकरार रखा।

87

देखने में आया है कि हिजाब बैन के मुद्दे पर सुनवाई कर रही सर्वोच्च न्यायालय की दो सदस्यीय बेंच में फैसले को लेकर मतभेद है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को अमान्य कर दिया। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के कर्नाटक सरकार के फैसले को बरकरार रखा। इसलिए अब हिजाब विवाद का मामला बेंच को सौंप दिया गया है। सुनवाई तीन जजों की बेंच के सामने होगी।

कर्नाटक सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को लागू किया था। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस फैसले को बरकरार रखा। उच्च न्यायालय के इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले कुछ दिनों में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच के समक्ष सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।

ये भी पढ़ें – कर्नाटक के हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट 13 अक्टूबर को सुनाएगा फैसला

मुख्य न्यायाधीश के लिए मामला
मामला अब तीन जजों की बेंच के पास जाने की संभावना है क्योंकि दो जजों की बेंच ने जो फैसला दिया वह अलग था। मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश द्वारा एक बेंच नियुक्त की जाएगी। इसलिए अब हिजाब बैन पर फैसले में और देरी होने की संभावना है।

कर्नाटक उच्च न्यायालय का निर्णय
कर्नाटक सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसके बाद बड़ा विवाद हुआ था। राज्य सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

महिलाओं के लिए हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया। राज्य सरकार का स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म पहनने का आदेश सही है। अदालत ने हिजाब को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के हिस्से के रूप में स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.