इस कारण अब तिहाड़ जेल में भड़क सकता है गैंगवार!

टिल्लू ताजपुरिया को अब से पहले भी तिहाड़ में निपटाने की कोशिश की गईं, लेकिन हर बार वह बच निकला। टिल्लू को निपटाने की कोशिशो में लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया सबसे ऊपर थे।

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राजधानी दिल्ली में कई कुख्यात बदमाश दिल्ली पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए थे। उन्हीं में से एक टिल्लू ताजपुरिया भी था। अपराध की दुनिया में टिल्लू ताजपुरिया से काफी कुख्यात था। हालांकि, दिल्ली पुलिस के डोजर को देखें तो उसका सही नाम सुनील मान था। वह बाहरी दिल्ली के अलीपुर स्थित ताजपुर गांव का मूल निवासी था। इसलिए सुनील ने अपने नाम के आगे ताजपुरिया लगाना शुरू किया। जबकि टिल्लू उसके घर का आम बोलचाल वाला नाम था। इसलिए सुनील मान बदमाश बनते ही टिल्लू ताजपुरिया के नाम से मशहूर हो गया।

दिल्ली का ताजपुर गांव अलीपुर थाना क्षेत्र में व हरियाणा सीमा पर स्थित है। इसलिए दिल्ली और हरियाणा दोनो राज्यों में टिल्लू ताजपुरिया का सिक्का चलता था। टिल्लू ताजपुरिया के दिल्ली में अचानक बढ़े रुतबे-रसूख को देखकर, उसकी चौपाल पर हरियाणा, यूपी और पंजाब के भी कई कुख्यात बदमाश-गैंगस्टर दरबार लगाने आते रहते थे।

वर्चस्व बढ़ाने के लिए दोस्त बन गए दुश्मन
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के रिटायर्ड डीसीपी एल एन राव ने बताया कि सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और जितेंद्र मान उर्फ गोगी दोनों एक ही जाति के थे। उनके बीच शुरुआती दिनो में दोस्ती थी। बाद में वर्चस्व को लेकर दोनों के बीच रंजिश पनप गई।

एक ही कॉलेज में पढ़ते थे गोगी और टिल्लू
दोनों ही दिल्ली के श्रद्धानंद कॉलेज में साथ साथ पढ़ते थे। वर्ष 2013 में कालेज छात्र संघ चुनाव के बीच दोनों आमने-सामने हुए और वहीं से दुश्मनी की शुरूआत हुई। पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों के निपटने के बाद भी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। अब इनके गैंग के बाकी बचे गुर्गों में वर्चस्व और बदले की खूनी गैंगवार होना तय मानी जा रही है।

दोनों ने बनाया अपना गैंग
गोगी और टिल्लू के रास्ते जब अलग हुए तो, टिल्लू ने नीरज बवानिया गैंग को अपना लिया। जिसमें कुलदीप फज्जा और रोहित भी टिल्लू के साथ जुड़े। उधर गोगी लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ गया। वर्ष 2018 में दिल्ली के बुराड़ी इलाके में टिल्लू गैंग ने खूनी गैंगवार को अंजाम दिया। जिसमें तीन हत्या हुई। कई बदमाश घायल हुए। उस दौरान उस गैंगवार में जितेंद्र मान उर्फ गोगी का भी नाम सामने आया था।

जेल से बाहर भी होने लगी खुली जंग
वर्ष 2013 में दिल्ली-हरियाणा में गैंगस्टर नीतू दाबोदिया का दबदबा हुआ करता था। जिसकी साल 2013 में ही एनकाउंटर में मौत हो गई। उन्हीं दिनों नीरज बवानिया भी गिरफ्तार हुआ। इसके बाद जेल से बाहर बचे टिल्लू ताजपुरिया और गोगी के बीच वर्चस्व की खुली जंग शुरु हो गई। साल 2016 में टिल्लू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। फिर वो तिहाड़ जेल से ही अपना गैंग ऑपरेट करने लगा।

हर बार बच निकलता था टिल्लू
टिल्लू ताजपुरिया को अब से पहले भी तिहाड़ में निपटाने की कोशिश की गईं, लेकिन हर बार वह बच निकला। टिल्लू को निपटाने की कोशिशो में लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया सबसे ऊपर थे। जेल सूत्रों के अनुसार टिल्लू ताजपुरिया तिहाड़ के अंदर से ही, बदमाश नवीन बाली, कौशल, नीरज बवानिया के साथ मिलकर गैंग को ऑपरेट कर रहा था। जिन दिनों उसने 24 सितंबर 2021 में उसने रोहिणी कोर्ट में अपने लड़कों से गोगी को गोली से उड़वा डाला, तब वो दिल्ली की मंडोली जेल में बंद था। वहां उसकी जान को खतरा भांपते हुए तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिया गया था।

टिल्लू ताजपुरिया को निपटाने में गोगी गैंग के बदमाशों का हाथ?
सूत्रों की माने तो अब टिल्लू ताजपुरिया को निपटाने में गोगी गैंग के बदमाशों का ही हाथ हो सकता है। सूत्रों की माने तो टिल्लू ताजपुरिया का नाम 15 अप्रैल 2023 की रात यूपी के प्रयागराज में निपटाए जा चुके माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के कत्ल में भी उछला था। कहा गया था कि, उस वारदात को अंजाम देने में शामिल रहे शूटर्स को हथियार मुहैया करवाने में कुछ हद तक, इसी टिल्लू ताजपुरिया का हाथ था। हालांकि इसकी जांच अभी चल ही रही है।

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