शिक्षक नियुक्ति घोटालाः जानिये, कौन है काकू, जिसे ईडी ने किया गिरफ्तार

सुजष कृष्ण भद्र उर्फ काकू 30 मई की सुबह करीब 11:00 बजे एजेंसी के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थिति दफ्तर में पूछताछ के लिए गए थे। दफ्तर में प्रवेश करने पर उनसे पूछा गया था कि क्या आपको डर लग रहा है।

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पश्चिम बंगाल के चर्चित शिक्षक नियुक्ति घोटाले में लंबी पूछताछ के बाद केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुजष कृष्ण भद्र को 30 मई की रात 12 बजे गिरफ्तार कर लिया। भद्र को राजनीतिक गलियारों में कालीघाट वाले काकू के नाम से जाना जाता है।

काकू 30 मई की सुबह करीब 11:00 बजे ईडी के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थिति दफ्तर में पूछताछ के लिए गए थे। दफ्तर में प्रवेश करने पर उनसे पूछा गया था कि क्या आपको डर लग रहा है। उन्होंने कहा था कि जब मैं बाहर निकलूंगा तो मेरा आत्मविश्वास देख लीजिएगा। और आधी रात खबर आई कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

कानून के लंबे हाथ धीरे-धीरे मास्टरमाइंड तक पहुंच रहे हैंः शुभेंदु अधिकारी 
इस गिरफ्तारी पर भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर कहा है कि कानून के लंबे हाथ धीरे-धीरे मास्टरमाइंड तक पहुंच रहे हैं। काकू के बाद बारी सरगना की है। ट्वीट में अधिकारी ने भद्र से संबंधित एक दस्तावेज अपलोड किया है।

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तृणमूल कांग्रेस का आरोप
तृणमूल कांग्रेस ने भी बयान जारी किया है। प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में वायरन विश्वास के शामिल होने के बाद से बदला लेने के लिए यह खेल हुआ है। सुजय की गिरफ्तारी से भाजपा, माकपा और कांग्रेस खुश हैं। यह इसी बात का संकेत है कि तीनों पार्टियों के गठबंधन को खुश होने का मौका मिल गया है।

इस आधार पर हुई गिरफ्तारी
पता चला है कि काकू की गिरफ्तारी उनके घर से बरामद दस्तावेजों के आधार पर नहीं बल्कि किसी तृणमूल नेता के मोबाइल से बरामद हुए डिजिटल दस्तावेजों के आधार पर हुई है। वह नेता पहले से ही नियुक्ति भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार है और केंद्रीय एजेंसियों की हिरासत में है। ईडी के एक अधिकारी ने बताया है कि उस नेता के मोबाइल से सुजय कृष्ण भद्र से बातचीत हुई है। उसमें ना केवल ऑडियो कॉल हुआ है बल्कि व्हाट्सएप के जरिए भी बातचीत का डिटेल मिला है। इसमें शिक्षक नियुक्ति से संबंधित रुपये की वसूली के बारे में बातें की गई है। सुजन कृष्ण ने रेट बताए हैं। किससे कितने रुपयेलेने हैं कब कैसे पहुंचाने हैं इस बारे में जानकारी दी है। इन दस्तावेजों को जब काकू को दिखाया गया तब भी वह केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों को बरगलाने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें चारों तरफ से सवालों से घेरकर कई दौर की पूछताछ हुई। जब उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया तो आधी रात के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

क्या है काकू की भूमिका?
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने चार मई को काकू के अलीपुर स्थित फ्लैट में छापा मारा था। इसके बाद ईडी ने 20 मई को छापा मारा था। इस केस में गिरफ्तार मुख्य बिचौलियों में से एक ने तृणमूल नेता कुंतल घोष, तापस मंडल और अन्य ने काकू की अहम भूमिका का खुलासा किया था। इस केस में कथित रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी की भूमिका की भी एजेंसियां जांच कर रही हैं ।

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