16 घंटे तक समझाना भी नहीं आया काम, सीआरपीएफ जवान ने किया ऐसा

जोधपुर के पुलिस आयुक्त रविदत्त गौड़ व सीआरपीएफ डीआईजी भूपेंद्र भी मौके पर पहुंचे और जवान को समझाने के प्रयास करते रहे।

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जोधपुर शहर के दइजर स्थित पालड़ी खिंचियान के केंद्रीय सुरक्षा रिजर्व बल प्रशिक्षण केंद्र में 10 जुलाई की शाम से ही दहशत का माहौल था। सीआरपीएफ का एक जवान खुद को पत्नी और बच्ची के साथ घर में कैद कर फायरिंग करता रहा। 11 जुलाई की सुबह उसने खुद को गोली मार ली। गर्दन के पास में राइफल को रख ट्रिगर दबा दिया। गोली की आवाज पर वहां मौजूद पुलिस अफसरों हड़कंप मच गया।

पुलिस उपायुक्त डॉक्टर अमृता दुहन ने बताया कि जवान की मौत हो गई है। मौके पर कार्रवाई जारी है। पुलिस कमिश्रर, डीसीपी, सीआरपीएफ के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।

पुलिस आयुक्त सहित कई अधिकारी करते रहे समझाने की कोशिश
कमिश्नर रविदत्त गौड़ व सीआरपीएफ डीआईजी भूपेंद्र भी मौके पर पहुंचे और जवान को समझाने के प्रयास करते रहे। आरंभिक पड़ताल में उसके अपने अधिकारियों से नाराजगी होने का भी का पता लगा। वह डीआईजी के साथ हुई बोलचाल को लेकर आहत था। जवान नरेश जाट का ट्रेनिंग सेंटर में घर है। उसने अपने घर से हवा में फायर किए थे। बताया जा रहा है कि जवान ने कुल आठ-दस फायर अपने घर से किए थे। नरेश पाली जिले के राजोला का रहने वाला था। नरेश का भाई पुलिस विभाग पाली में हेड कांस्टेबल है। इधर, नरेश के पिता को भी रात में गांव से बुलाया गया है ताकि वह नरेश को समझाए।

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कौन है जवान?
करवड़ थानाधिकारी कैलाशदान ने बताया कि जवान नरेश जाट के पिता लिखमाराम जाट किसान वर्ग से है। एक भाई पुखराज है जोकि पाली जिला पुलिस में हैडकांस्टेबल के पद पर लगा हुआ है।

नरेश जाट दइजर स्थित पालड़ी खिंचियान के सीआरपीएफ के सरकारी क्वार्टर में रहता था। वह पिछले दो ढाई साल से यहां पर ही पोस्टेड था।

नरेश जाट के पास में इंडियन स्माल आर्म सिस्टम की लाइट मशीन गन थी। उसने उससे 10 जुलाई को कई राउण्ड फायर किए थे। 11 जुलाई की सुबह गर्दन के पास में इसे रखकर ट्रिगर दबा दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

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