ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का पहली बार बच्चों पर ऐसे होगा ट्रायल!

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पहली बार अपने कोविड-19 टीके का ट्रायल बच्चों पर करेगा। इसके लिए 17 वर्ष से कम उम्र के 300 बच्चों को तैयार किया जाएगा।

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पहली बार अपने कोविड-19 टीके का ट्रायल बच्चों पर करेगा। वैक्सीन के ट्रायल का ऐलान 15 फरवरी को किया गया है। इसके लिए 17 वर्ष से कम उम्र के 300 बच्चों को तैयार किया जाएगा। इनमें ऐसे बच्चों को शामिल किया जाएगा, जो स्वेच्छा से टीका लगवाने के लिए तैयार हों। इनमें से 240 लोगों को कोविड-19 का और बाकी 60 लोगों को मेनिनजाइटिस का टीका लगाया जाएगा।

रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना जरुरी
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल के मुख्य रिसर्चर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि अधिकांश बच्चे कोविड-19 के कारण गंभीर रुप से बीमार नहीं होते, लेकिन उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना जरुरी है। ऐसे में टीकाकरण से कुछ बच्चों को तो लाभ होगा ही।

18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण की मंजूरी
बता दें कि दुनिया के 50 से ज्यादा देशों के ड्रग रेगुलेटर्स ने एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाए गए और आपूर्ति किए जा रहे ऑक्सफोर्ड टीके को 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों पर ही लगाने की मंजूरी दी है।

पोलार्ड ने बताया कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के ट्रायल से सरकार को यह तय करने में आसानी होगी कि क्या आनेवाले समय में बच्चों के लिए सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम बढ़ाया जा सकता है। सरकार यह तय करना चाहती है कि स्कूल सुरक्षित हों और बड़ी आबादी के बीच वायरस के प्रसार को फैलने से रोक जा सके।

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दूसरी कंपनी भी कर रही परीक्षण
दूसरी दवा कंपनियां भी बच्चों पर अपने टीके का परीक्षण कर रही है। फाइजर का टीका पहले से ही 16 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को लगाया जा रहा है। उसने अक्टूबर 2020 में ही 12 साल के बच्चों पर परीक्षण शुरू कर दिया था। वहीं मॉडर्ना ने दिसंबर 2020 में बच्चों पर टीके का ट्रायल शुरू किया था।

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